भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय सामान्य बीमा निगम (जीआईसी आरई) को 2023 -24.के लिए घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बीमाकर्ता (डी-एसआईआई) के रूप में बरकरार रखा है।
एलआईसी एक जीवन बीमा कंपनी है, लेकिन जीआईसी आरई और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सामान्य बीमा कंपनियां हैं।
जीवन बीमा से तात्पर्य मनुष्य के जीवन के बीमा से है। गैर-मनुष्य जैसे जानवर, फसल आदि और निर्जीव वस्तु जैसे घर, बस, कार आदि के बीमा को सामान्य बीमा के रूप में जाना जाता है।
बीमा क्षेत्र के नियामक आईआरडीएआई ने 2021-22 में घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बीमाकर्ताओं (डी-एसआईआई ) की अवधारणा पेश की। 2021-22 में तीन बीमा कंपनियों, एलआईसी, जीआईसी आरई और न्यू इंडिया एश्योरेंस को डी-एसआईआई के रूप में पहचाना ।
घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बीमाकर्ता (डी-एसआईआई) उन बीमा कंपनियों को संदर्भित करते हैं जो घरेलू बाजार में अपने आकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और जो वैश्विक बाजार से भी जुड़ी हुई हैं। ऐसी बीमा कंपनियों की विफलता देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर कर सकती है और महत्वपूर्ण अव्यवस्था का कारण बन सकती है
बीमा नियामक घरेलू प्रणालीगत महत्वपूर्ण बीमाकर्ता कंपनियों की कड़ी निगरानी और विनियमन करते हैं ताकि इन्हे किसी भी कीमत पर विफल होने से बचाया जा सके।
डी-एसआईआई में शामिल बीमा कंपनियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कॉर्पोरेट प्रशासन के स्तर को बढ़ाएं और एक मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचे और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रासंगिक जोखिमों की पहचान करें।
जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी)
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का स्वामित्व भारत सरकार के पास है और यह भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है।
यह जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 द्वारा बनाई गई एक वैधानिक संस्था है।
इसे 1 सितंबर 1956 को देश की सभी निजी जीवन बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करने के बाद भारत सरकार द्वारा बनाया गया था।
इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है।
अध्यक्ष: सिद्धार्थ मोहंती
भारतीय सामान्य बीमा निगम (जीआईसी आरई)
भारतीय सामान्य बीमा निगम की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1972 में सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1972 के पारित होने के बाद की गई थी।
सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम 1972 के तहत, सरकार ने भारत में कार्यरत सभी निजी सामान्य बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर भारतीय सामान्य बीमा निगम की स्थापना की थी ।
2002 में, भारत सरकार ने जीआईसी आरई को भारतीय पुनर्बीमाकर्ता के रूप में अधिसूचित किया।
पुनर्बीमा जोखिम को कम करने के लिए एक बीमा कंपनी द्वारा अन्य बीमा कंपनियों को प्रदान किया जाने वाला बीमा है।
जीआईसी का मुख्यालय : मुंबई, महाराष्ट्र
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: रामास्वामी नारायणन
न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
यह एक सामान्य बीमा कंपनी है जिसकी स्थापना 1919 में सर दोराबजी टाटा द्वारा एक निजी कंपनी के रूप में की गई थी। 1972 में भारत सरकार द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था ।
प्रारंभ में इसे भारतीय सामान्य बीमा निगम की सहायक कंपनी बनाया गया था।
2002 में, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का स्वामित्व भारतीय सामान्य बीमा निगम से भारत सरकार को स्थानांतरित कर दिया गया था।
मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक: नीरजा कपूर
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) की स्थापना आर.एन. मल्होत्रा समिति की सिफारिश पर की गई थी, जिसे भारत सरकार ने 1993 में बीमा क्षेत्र में सुधार के लिए स्थापित किया था।
1999 में, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण की स्थापना केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई थी।
संसद ने 1999 में बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम को अप्रैल 2000 में लागू कर प्राधिकरण को एक वैधानिक निकाय बना दिया गया
26 दिसंबर 2014 को इसका नाम बदलकर भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण कर दिया गया।
यह भारत में बीमा क्षेत्र का नियामक है।
अध्यक्ष: देबाशीष पांडा.
मुख्यालय: हैदराबाद, तेलंगाना
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
आईआरडीएआई/IRDAI: इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Insurance Regulatory and Development Authority of India)
एलआईसी /LIC: लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Life Insurance Corporation of India Limited)
जीआईसी/GIC: जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (General Insurance Corporation of India Limited )
डी -एसआईआई /D-SII: डोमेस्टिक सिस्टेमैटिकली इंपोर्टेंट इंसुरर (Domestic- Systematically Important Insurer)