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महाराष्ट्र में आईएनएस गुलदार के इर्द-गिर्द बनेगा भारत का पहला पानी के नीचे संग्रहालय

Utkarsh Classes Last Updated 11-06-2025
India's 1st Underwater Museum to be Built Around INS Guldar in Maharashtra Tourism 4 min read

भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त लैंडिंग शिप टैंक, आईएनएस गुलदार के इर्द-गिर्द भारत का पहला पानी के नीचे संग्रहालय और प्रवाल-शैलमाला बनाने की परियोजना 10 जून, 2025 को सिंधुदुर्ग में शुरू हुआ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस समारोह में आभासी रूप से हिस्सा लिया। 

इस परियोजना के दिसंबर 2025 या 2026 की शुरुआत तक पूरा होने की उम्मीद है और इससे देश और राज्य में समुद्री पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

परियोजना का क्रियान्वयन कौन कर रहा है? 

महाराष्ट्र सरकार का महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम समुद्री और पर्यावरण विशेषज्ञों के सहयोग से इस परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है। 

इस परियोजना को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है। 

पर्यटन मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 46.91 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य और देश में समुद्री संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देना है।

परियोजना के बारे में

देश में पहली बार नौसेना के किसी जहाज को पारिस्थितिकी और पर्यटन संपत्ति में बदला जाएगा, साथ ही भारतीय नौसेना की विरासत को भी संरक्षित किया जाएगा।

20 फरवरी 2025 को भारतीय नौसेना ने कर्नाटक के कारवार में स्थित अपने नौसेना अड्डे पर महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को आईएनएस गुलदार सौंप दिया।

आईएनएस  गुलदार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग तट पर तैनात किया गया है और वहीं पर संग्रहालय बनाया जा रहा है।

महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम सबसे पहले जहाज से तेल और बैटरी जैसे सभी खतरनाक पदार्थों और प्रदूषकों को हटाएगा।

जहाज को नियंत्रित तरीके से पानी में डुबोया जाएगा और यह इसको एक कृत्रिम चट्टान बनाया जाएगा।

एक बार जब यह चट्टान बन जाएगा, तो डूबा हुआ जहाज अंततः समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों- कोरल, मछली और अन्य जीवों के लिए एक आवास बन जाएगा।

पानी के नीचे के बने इस संग्रहालय, स्कूबा गोताखोरों और पर्यटकों को आकर्षित करने की उम्मीद है।

महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम को उम्मीद है कि यह परियोजना 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी।

आईएनएस गुलदार के बारे में

आईएनएस गुलदार को पोलैंड के गडिनिया शिपयार्ड में बनाया गया था और दिसंबर 1985 में इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

यह मगर श्रेणी का जहाज था जिसे उभयचर युद्ध के लिए डिज़ाइन किया गया था।

यह भारतीय नौसेना का एक लैंडिंग जहाज था जो युद्ध क्षेत्र के तट पर सैनिकों, टैंकों और अन्य आपूर्ति को उतारने में सक्षम था।

आईएनएस गुलदार शुरू में पूर्वी नौसेना कमान का हिस्सा था, लेकिन बाद में इसे अंडमान और निकोबार कमान में स्थानांतरित कर दिया गया।

भारतीय नौसेना ने जनवरी 2024 में जहाज को सेवामुक्त कर दिया।

FAQ

उत्तर: आईएनएस गुलदार

उत्तर: सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र । नौसेना के जहाज आईएनएस गुलदार को संग्रहालय में बदला जा रहा है।

उत्तर: 46.91 करोड़ रुपये
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