भारतीय नौसेना, 2 अक्टूबर 2024 को अपना दूसरा नाविका सागर परिक्रमा अभियान शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय नौसेना ने 2017 में अपना पहला नाविका सागर परिक्रमा अभियान शुरू किया था, जिसमें भारतीय नौसेना नौकायन पोत तारिणी या आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर दुनिया का चक्कर लगाने के लिए छह महिला चालक दल शामिल थे। .
पहली नाविका सागर परिक्रमा की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने संभाली थीं ।
नाविका सागर परिक्रमा के दूसरे संस्करण का नेतृत्व पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और कालीकट की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के द्वारा किया जाएगा। सैन्य पारिवारिक पृष्ठभूमि के ये भारतीय नौसेना अधिकारी पिछले तीन वर्षों से कमोडोर (सेवानिवृत्त) अभिलाष टॉमी के अधीन भूमिगत प्रशिक्षण ले रहे हैं।
कमोडोर (सेवानिवृत्त) अभिलाष टोनी दो वैश्विक जलयात्राओं में भाग लेने वाले पहले एशियाई कप्तान थे और उन्होंने 2022 में गोल्डन ग्लोब रेस पूरी करने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की।
नाविक सागर परिक्रमा का संचालन नौसेना मुख्यालय, नई दिल्ली में स्थित भारतीय नौसेना सेलिंग एसोसिएशन और भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसेना कमान के तहत, गोवा स्थित महासागर सेलिंग नोड द्वारा किया जा रहा है।
आईएनएसवी तारिणी की यात्रा का समन्वय दोनों नोडल केंद्रों द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों और अधिकारियों के सहयोग से किया जाएगा।
आईएनएसवी तारिणी 2 अक्टूबर 2024 को नौसेना महासागर सेलिंग नोड, आईएनएस मंडोवी, गोवा से अपनी लगभग आठ महीने लंबी यात्रा शुरू करेगी। यह नौकायान ,ऊंचे समुद्रों, चरम मौसम की स्थिति और तीन महान अंतरीपों की लगभग 21,600 समुद्री मील (लगभग 40,000 किमी) की दूरी तय करेगी। अपनी यात्रा के दौरान यह तीन महान केप, केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप से होकर गुजरेगा।
केप लीउविन ऑस्ट्रेलिया के सबसे दक्षिण-पश्चिमी बिंदु पर स्थित है जहां दक्षिणी महासागर ,हिंद महासागर से मिलता है।
केप हॉर्न दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप (चिली) के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। यहां ऊंची समुद्र की लहरों के कारण नौवहन करना बेहद कठिन है और यहाँ पर जलवायु वर्ष भर हवादार और ठंडी रहती है।
केप ऑफ गुड होप अफ्रीकी महाद्वीप (दक्षिण अफ्रीका) के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। केप ऑफ गुड होप पर हिंद महासागर की गर्म मोज़ाम्बिक-अगुलहास धारा और दक्षिण अटलांटिक महासागर की ठंडी बेंगुएला धारा के अभिसरण पर स्थित है। गर्म और ठंडे पानी के अभिसरण के कारण यहां की मौसम की स्थिति हमेशा तूफानी और ऊंची समुद्र की लहरें पायीं जाती है।