15 मार्च 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार तीसरे सप्ताह में लगातार बढ़ोतरी दर्ज़ करते हुए 8 मार्च 2024 तक अपने दो साल के उच्चतम $636.10 बिलियन पर पहुंच गया। आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक है और हर हफ्ते विदेशी मुद्रा से संबधित आंकड़ों को जारी करता है।
सितंबर 2021 में, भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का एक मुख्य कारण आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा के प्रवाह को अवशोषित करने और भारतीय रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए बाजार से डॉलर खरीदना है। इसका दूसरा कारण सोने की कीमत में बढ़ोतरी भी है। आरबीआई द्वारा खरीदा गया सोना विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है । चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआईI) को विदेशी मुद्रा भंडार का एकमात्र संरक्षक और प्रबंधक बनाता है। अधिनियम विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना और उन उपकरणों और प्रतिभूतियों को भी निर्दिष्ट करता है जिनमें विदेशी मुद्रा भंडार का निवेश किया जा सकता है।
भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित किश्त स्थिति और सोना शामिल हैं।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ में शामिल हैं-
हस्तक्षेप की मुद्रा
आरबीआई हस्तक्षेप की मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर और यूरो का उपयोग करता है। हालांकि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बहु-मुद्रा परिसंपत्तियां (अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन, यूरो, इत्यादि) शामिल होती हैं।
आरबीआई ,विदेशी मुद्रा मूल्य को अमेरिकी डॉलर में दर्शाता है।
आरबीआई का स्वर्ण भंडार
आरबीआई भारत के बाहर अपने स्वर्ण भंडार का एक हिस्सा बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट के पास रखता है। सोने के भंडार का एक हिस्सा आरबीआई द्वारा भारत में रखा जाता है।
एसडीआर (विशेष आहरण अधिकार)/स्पेशल ड्राविंग राइट्स
एसडीआर आईएमएफ की एक लेखा इकाई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 1969 में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) जारी किया था। इसे कागजी सोना भी कहा जाता है।
एसडीआर कोई मुद्रा नहीं है; हालाँकि, सदस्य देश अपनी एसडीआर को सदस्य देशों के साथ एक परिवर्तनीय मुद्रा में आदान-प्रदान कर सकते हैं।
एसडीआर का मूल्य मुद्राओं की एक टोकरी (बकेट) से जुड़ा हुआ है जिसमे अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी युआन, जापानी येन और यूनाइटेड किंगडम की पाउंड स्टर्लिंग शामिल है ।
एसडीआर, व्यक्तियों या निजी संस्थाओं द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसे केवल आईएमएफ, इसके सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों और बहुपक्षीय विकास बैंकों द्वारा ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
आरबीआई के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार विवरण निम्नलिखित है।
मुद्रा का प्रकार |
सभी आंकड़े अमेरिकी डॉलर और अरब में हैं. |
विदेशी मुद्रा का % |
कुल विदेशी मुद्रा भंडार |
636.095 |
100% |
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ |
562.352 |
लगभग 88% |
सोना |
50.716 |
लगभग 7.9% |
विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर)/स्पेशल ड्राविंग राइट्स |
18.211 |
लगभग 2.8% |
आईएमएफ के पास आरक्षित किश्त |
4.817 |
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण संक्षेपाक्षरों का पूरा नाम
आईएमएफ़(IMF)- इंटरनेशनल मोनेटरी फंड(International Monetary Fund)
एसडीआर(SDR)- स्पेशल ड्राविंग राइट्स (Special Drawing Rights)
आरबीआई(RBI)- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India)
बीआईएस (BIS)- बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (Bank for International Settlement)