भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नेपाल को 2 मिलियन डॉलर (20 लाख डॉलर) की चिकित्सा सहायता भेजी है। इस चिकित्सा सहायता में थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग के रोगियों के इलाज के लिए टीके और दवाइयाँ शामिल हैं।
चिकित्सा सहायता की पहली खेप में इन्फ्लूएंजा वैक्सीन, साल्मोनेला वैक्सीन, मेनिंगोकोकल वैक्सीन, हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा वैक्सीन और स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया वैक्सीन शामिल हैं।
नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल को काठमांडू, नेपाल में,चिकित्सा सहायता की पहली खेप सौंपी।
सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया,दोनों आनुवंशिक विकार हैं। यह लाल रक्त कोशिका में स्थित हीमोग्लोबिन के जीन में त्रुटियों के कारण होता है।
हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन ("ग्लोबिन") और एक लोहे के अणु ("हीम") से बना होता है।
हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिका के भीतर ऑक्सीजन ले जाता है। यह फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों के ऊतकों और अंगों तक ले जाता है।
लोहे की उपस्थिति के कारण, यह मानव रक्त को लाल रंग देता है।
विश्व सिकल सेल दिवस - यह 19 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है। विश्व सिकल सेल दिवस 2025 के विषय की घोषणा नहीं की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस - यह हर साल 8 मई को मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस 2025 का विषय - थैलेसीमिया के लिए एक साथ: समुदायों को एकजुट करना, मरीजों को प्राथमिकता देना।