ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) ने 20 मार्च 2024 को मिनीरत्न श्रेणी-I केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) का दर्जा प्राप्त किया है। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा प्रदत्त यह मान्यता देश के विद्युत परिदृश्य में ग्रिड-इंडिया की भूमिका को रेखांकित करती है।
ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) का कार्य:
वर्तमान में ग्रिड-इंडिया के पास भारतीय विद्युत प्रणाली को सुचारू रूप से संचालन के लिए कई जिम्मेदारियां हैं जिनमें प्रमुखतः इस प्रकार है:
- भारतीय विद्युत प्रणाली के त्रुटिहीन और निर्बाध संचालन की देखरेख करना
- क्षेत्रों के भीतर और उनके पार विद्युत शक्ति का कुशल हस्तांतरण सुनिश्चित करना
- विश्वसनीयता, मितव्ययिता और स्थिरता पर ध्यान देने के साथ ही साथ पारदेशीय विद्युत विनिमय सुगम बनाना
- यह किफायती और कुशल थोक विद्युत बाजारों को सुगम बनाता है और निपटान प्रणालियों का प्रबंधन करता है।
- ग्रिड-इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे जटिल विद्युत प्रणालियों में से एक, ऑल इंडिया सिंक्रोनस ग्रिड के प्रबंधन की बड़ी जिम्मेदारी निभाती है। इसके अंतर्गत पांच क्षेत्रीय लोड डिस्पैच केंद्रों (आरएलडीसी) और राष्ट्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) का समावेशन किया गया है।
ग्रिड-इंडिया का दिनोंदिन बढ़ता महत्व:
- विगत कुछ वर्षों में ग्रिड-इण्डिया का महत्व लगातार बढ़ रहा है। क्योंकि इसकी जिम्मेदारियों में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है, जिसे ग्रिड-इण्डिया ने बखूबी पूर्ण किया है। इसे निम्न बिन्दुओं में देखा जा सकता है:
- विद्युत प्रणालियों के सम्मिलन
- बढ़ती ऊर्जा मांगे
- नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) स्रोतों के प्रसार
- आर्थिक विकास एवं तकनीकी प्रगति के साथ-साथ विकसित होते नियम
- ग्रिड-इण्डिया ने बाजार की जरूरतों के अनुरूप तेजी से किए गए कार्य ।
ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) के बारे में:
- स्थापना: 2009
- पूर्व में ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) को ‘पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (पोसोको) के नाम से जाना जाता था। ग्रिड-इंडिया, विद्युत मंत्रालय के तहत भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
- 9 नवंबर 2022 से पोसोको का नया नाम ग्रिड-इंडिया है।
- यह भारतीय पावर सिस्टम के चौबीसों घंटे एकीकृत संचालन की निगरानी और सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।
- इसमें पाँच क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र (आरएलडीसी) और एक राष्ट्रीय भार प्रेषण केंद्र (एनएलडीसी) शामिल हैं।
- दक्षिण क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र (द.क्षे.भा.प्रे.कें) भारत के दक्षिणी क्षेत्र के आरएलडीसी कार्यों की देखभाल करता है।
वर्तमान में भारत में 13 महारत्न कंपनियां हैं:
- भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल)
- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
- तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी)
- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल)
- ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)
- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल)
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी)
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)
- कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)
- राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी)
- भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (गेल)
- पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन
- पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया