केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द तथा उत्तर प्रदेश में उड़द की खरीद को मंजूरी दे दी है। 24 जून 2025 को नई दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मंजूरी दी गई।
इस बैठक में मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंसाना, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मूल्य समर्थन योजना के बारे में
मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) का एक घटक है। पीएसएस के अलावा, पीएम-आशा योजना में मूल्य कमी भुगतान योजना और बाजार हस्तक्षेप योजना शामिल है।
पीएसएस को संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार के अनुरोध पर निर्दिष्ट फसलों के लिए लागू किया जाता है।
पीएसएस के अंतर्गत आने वाली फसलें
मूल्य समर्थन योजना में निम्नलिखित फसलों की खरीद की जाती है।
- दलहन - चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर,
- तिलहन - मूंगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, रामतिलऔर
- कोपरा
पीएसएस योजना की विशेषताएं
- पीएसएस योजना के तहत, जब निर्दिष्ट फसल की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आती हैं, तो केंद्रीय और राज्य खरीद नोडल एजेंसियां उन्हें सीधे किसानों से एमएसपी पर खरीदती हैं।
- केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से खरीदी जाने वाली फसलों की मात्रा तय करती है।
- पीएसएस के तहत, केंद्र सरकार केंद्रीय खरीद एजेंसियों को फसलों की खरीद के लिए कार्यशील पूंजी प्रदान करती है।
पीएसएस के लिए सरकार की खरीद एजेंसियां
- फसलों की खरीद केंद्र सरकार की एजेंसियों - भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) द्वारा की जाती है।
- राज्य सरकार की एजेंसियां भी पीएसएस के तहत किसानों से फसलें खरीदती हैं
पीएसएस के लिए नोडल निकाय
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पीएसएस योजना का नोडल निकाय है।
2025-26 खरीफ कृषि मौसम के लिए धान पर एमएसपी बढ़ाकर 2369 रुपये प्रति क्विंटल किया गया