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सरकार ने 2030 तक 10,000 जीआई टैग का लक्ष्य रखा

Utkarsh Classes Last Updated 25-01-2025
Government set a target of 10,000 GI Tag by 2030 Summit and Conference 4 min read

भारत सरकार ने 2030 तक भारतीय उत्पादों के लिए 10,000 भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग का लक्ष्य रखा है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार अब तक 605 भारतीय उत्पादों को जीआई टैग जारी किया गया है। 

जीआई टैग पाने वाला पहला भारतीय उत्पाद 2003 में दार्जिलिंग चाय की दी गई थी।

जीआई टैग के लिए नए लक्ष्य की घोषणा केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 22 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित जीआई समागम में की। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक समिति गठित करेगी।

जीआई समागम का आयोजन किसने किया? 

  • जीआई समागम का आयोजन केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय  के अंतर्गत आने  वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा इंडिया टुडे ग्रुप के सहयोग से किया गया था।
  • जीआई समागम का विषय "विरासत का संरक्षण, नवाचार को बढ़ावा देना", हमारा उद्देश्य संस्कृति, वाणिज्य और नवाचार को जोड़ना है” था।

भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग और इसकी विशेषताओं के बारे में

भौगोलिक संकेत टैग किसी ऐसे उत्पाद को दिया जाता है जिसमें किसी निश्चित क्षेत्र से जुड़ी विशिष्ट विशेषताएं होती हैं।

जीआई टैग ,उस उत्पाद को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है और यह वाणिज्यिक उपयोग के लिए दूसरों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेत के अनधिकृत उपयोग को रोकता है।

कानूनी ढांचा

  • जीआई टैग के लिए कानूनी ढांचा संसद द्वारा पारित भौगोलिक संकेत माल (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 द्वारा निर्धारित किया गया है।
  • जीआई टैग का रजिस्ट्रार डीपीआईआईटी के तहत आने वाले पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक है।
  • भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री चेन्नई, तमिलनाडु में है।

किन उत्पादों पर जीआई टैग दिया जाता है

भारत में जीआई टैग तीन श्रेणियों के सामानों के उत्पादक को दिया जाता है;

  • कृषि सामान - इसमें कृषि सामानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, व्यापार या सौदा शामिल है।
  • प्राकृतिक सामान- इसमें प्राकृतिक सामानों का दोहन, व्यापार या सौदा शामिल है।
  • हस्तशिल्प या औद्योगिक सामान - इसमें हस्तशिल्प या औद्योगिक सामानों का निर्माण, विनिर्माण, व्यापार या सौदा शामिल है।

जीआई टैग के लाभ

  • यह भारत में भौगोलिक संकेतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
  • यह पंजीकृत भौगोलिक संकेत के अन्य लोगों द्वारा अनधिकृत उपयोग को रोकता है
  • यह भारतीय भौगोलिक संकेतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
  • यह भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।

जीआई टैग की वैधता

  • भौगोलिक संकेत का पंजीकरण 10 वर्ष की अवधि के लिए वैध होता है।
  • इसे समय-समय पर 10 वर्ष की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

फुल फॉर्म

  • जीआई /GI: ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (Geographical indication)

FAQ

उत्तर: 22 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में

उत्तर: इंडिया टुडे ग्रुप के सहयोग से उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी ।

उत्तर: "विरासत का संरक्षण, नवाचार को बढ़ावा देना", हमारा उद्देश्य संस्कृति, वाणिज्य और नवाचार को जोड़ना है।"

उत्तर: 2030

उत्तर: ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (भौगोलिक संकेत)।

उत्तर: 10 वर्ष
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