चार दिवसीय 2024 वैश्विक मृदा सम्मेलन का उद्घाटन 19 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में हुआ और यह 19 से 22 नवंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन विश्व मृदा वैज्ञानिकों और हितधारकों के लिए शीर्ष वैश्विक मंच है। यह हितधारकों- सरकार, वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के नेताओं, किसानों आदि को मिट्टी के महत्व के बारे में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने और मिट्टी के क्षरण और इसके टिकाऊ प्रबंधन के मुद्दे के बारे में चिंताओं का समाधान खोजने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
वैश्विक मृदा सम्मेलन का आयोजन भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी, नई दिल्ली द्वारा, अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ, इटली के तत्वावधान में, नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के सहयोग से किया जा रहा है।
नीति आयोग के सदस्य, प्रोफेसर रमेश चंद,वैश्विक मृदा सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे और इसका उद्घाटन किया।
बाद में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन को आभासी रूप में संबोधित किया।
इस अवसर पर प्रो.रमेश चंद, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमाशु पाठक और पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. त्रिलोचन महापात्र भी उपस्थित थे।
वैश्विक मिट्टी सम्मेलन का विषय ; खाद्य सुरक्षा से परे मिट्टी की देखभाल: जलवायु परिवर्तन शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं है।
वैश्विक मृदा सम्मेलन, मृदा प्रबंधन पर विचार-विमर्श करेगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 95% वैश्विक भोजन का उत्पादन करती है।
2050 तक मानव आबादी 9 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। इस विशाल आबादी को खिलाने और खाद्य असुरक्षा, भोजन की कमी, कुपोषण और गरीबी की समस्याओं का समाधान करने के लिए, दुनिया भर में मिट्टी के संसाधनों का स्थायी प्रबंधन महत्वपूर्ण होगा।
सम्मेलन का लक्ष्य इन समस्याओं का समाधान ढूंढना होगा।
अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ मृदा वैज्ञानिकों का वैश्विक निकाय है।
यह मृदा विज्ञान की सभी शाखाओं और इसके अनुप्रयोग में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है।
अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ की स्थापना 19 मई, 1924 को अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान सोसायटी के रूप में की गई थी।
मुख्यालय: रोम, इटली
मुख्यालय: नई दिल्ली
मुख्यालय: नई दिल्ली