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पश्चिम बंगाल में कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस संयंत्र के लिए गेल और सीआईएल का संयुक्त उद्यम

Utkarsh Classes Last Updated 22-10-2024
GAIL & CIL Joint Venture for Coal to Synthetic Natural Gas Plant in WB Energy 4 min read

राष्ट्रीय कोयला गैसीकरण मिशन को बढ़ावा देते हुए ,दो महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और गेल (इंडिया) लिमिटेड (गेल) ने कोयला से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस संयंत्र स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने पर समझौता किया है। .

नई दिल्ली में कोयला के अतिरिक्त सचिव एम. नागराजू की उपस्थिति में दोनों सीपीएसई के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

चीन के बाद भारत दुनिया में कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और भारत के  पास अनुमानित  361411.46 मिलियन टन कोयला भंडार है।

हाल ही में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने झारखंड के जामताड़ा जिले में कस्ता कोयला ब्लॉक में यथास्थान भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है।

कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस संयंत्र का स्थान

कोयला से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस संयंत्र पश्चिम बंगाल के रानीगंज कोयला क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। 

रानीगंज कोयला क्षेत्र भारत का सबसे पहला और पुराना वाणिज्यिक कोयला क्षेत्र है जिसमे कोयला उत्पादन 1774 में शुरू हुआ था। 

रानीगंज कोयला क्षेत्र कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधीन है। 

यह संयंत्र 633.6 मिलियन एनएम3प्रति घंटे की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ 80000 एनएम3 प्रति घंटे सिंथेटिक प्राकृतिक गैस का उत्पादन करेगा।

संयंत्र में 1.9 मिलियन टन कोयले की खपत होने की उम्मीद है। कोयला कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रदान किया जाएगा जबकि प्रौद्योगिकी और संयंत्र गेल द्वारा संचालित किया जाएगा।

कोयला गैसीकरण 

कोयला गैसीकरण एक थर्मो रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोयले को बहुत उच्च तापमान पर पानी, हवा या ऑक्सीजन का उपयोग करके सिंथेटिक गैसों में परिवर्तित किया जाता है। सिंथेटिक गैस में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, हाइड्रोजन और जल वाष्प के साथ थोड़ी मात्रा में अन्य गैसें और कण पाएँ जाते हैं।

 

कोयले से सिंथेटिक प्राकृतिक गैस संयंत्र के लाभ

  • यह संयंत्र आयातित प्राकृतिक गैस पर भारत की निर्भरता को कम करेगा।
  • प्राकृतिक गैस में मुख्य रूप से मीथेन होता है जो उर्वरक संयंत्रों और विभिन्न रासायनिक उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है।
  • यह संयंत्र उपयोगकर्ता उद्योगों को गारंटीशुदा कच्चा माल उपलब्ध कराएगा।
  • गैस का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है।  
  • इससे विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी क्योंकि प्राकृतिक गैस, उर्वरक आदि का आयात कम होने की संभावना है।

राष्ट्रीय कोयला गैसीकरण मिशन 

  • भारत सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय कोयला गैसीकरण मिशन शुरू किया।
  • इसका लक्ष्य 2030 तक 100 मिलियन टन कोयले को प्राकृतिक गैस में परिवर्तित करना है।
  • यह मिशन 2027 तक ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल करने की भारत सरकार की योजना का हिस्सा है।

FAQ

उत्तर : गेल (इंडिया) लिमिटेड

उत्तर: रानीगंज, पश्चिम बंगाल

उत्तर: 2020. इसका लक्ष्य 2030 तक 100 मिलियन टन कोयले को प्राकृतिक गैस में परिवर्तित करना है।

उत्तर: कोलकाता

उत्तर: झारखंड के जामताड़ा जिले में कस्ता कोयला ब्लॉक।

उत्तर : नई दिल्ली
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