भारत सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना को उत्तर प्रदेश के 15 अतिरिक्त जिलों तक बढ़ा दिया है। देश में ईएसआई योजना के अंतर्गत आने वाले जिलों की कुल संख्या अब 689 हो गई है। उत्तर प्रदेश में ईएसआई योजना के विस्तार की घोषणा केंद्रीय श्रम, रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में की।
भारत में ईएसआई योजना की वर्तमान स्थिति
अब ईएसआई योजना उत्तर प्रदेश के 75 में से 74 जिलों में लागू हो गई है। नए जिलों जिसमे इसका विस्तार किया गया है -अंबेडकर नगर, बहराईच, गोंडा, जालौन, कन्नौज, महराजगंज, महोबा, पीलीभीत, श्रावस्ती, हमीरपुर, सिद्धार्थनगर, शामली, औरैया, प्रतापगढ़ और कासगंज हैं।
- देश में ज़िले जहां यह लागू है (पूर्ण + आंशिक): 689
- देश में ज़िले जहां यै पूर्ण रूप से लागू है : 586
- देश में ज़िले जहां यै आंशिक रूप से लागू है: 103
- देश में ज़िले जहां यै लागू नहीं है: 89
- भारत में कुल जिले: 778
ईएसआई योजना के बारे में
- ईएसआई योजना भारत की सबसे बड़ी सामाजिक बीमा योजना है, जिसका संचालन केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा किया जाता है।
- यह कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत परिभाषित कर्मचारियों को सामाजिक लाभ प्रदान करता है।
- ईएसआई योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 24 फरवरी 1952 को कानपुर में की थी। इसे उसी दिन नई दिल्ली में भी शुरू किया गया था।
इस योजना के अंतर्गत कौन पात्र है?
- ईएसआई योजना निम्नलिखित कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों - सड़क परिवहन, होटल, रेस्तरां, सिनेमा, समाचार पत्र, निर्माण स्थल की दुकानें और शैक्षणिक/चिकित्सा संस्थान जिनमें 10 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं- पर लागू होती है ।
- कुछ राज्यों में, यह 20 या अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाली फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों पर लागू होती है।
- 21,000 रुपये तक मासिक वेतन वाले श्रमिक ईएसआई योजना के अंतर्गत आते हैं।
योजना का वित्तपोषण
- नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही योजना में योगदान करते हैं।
- नियोक्ता का योगदान कर्मचारी के वेतन का 4.75% है।
- कर्मचारी का योगदान वेतन का 1.75% है।
- प्रतिदिन 137 रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को उनके अंशदान के भुगतान से छूट दी गई है।
लाभ
ईएसआई योजना अपने लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है:
- चिकित्सा लाभ: प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा।
- कर्मचारी की बीमारी, अस्थायी/स्थायी विकलांगता, मातृत्व लाभ (26 सप्ताह), आश्रित लाभ और अंतिम संस्कार व्यय के मामले में नकद लाभ।
- बेरोजगारी भत्ता: राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना और अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत नौकरी छूटने का सामना करने वाले श्रमिकों के लिए।