केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम में बदलाव को मंजूरी देने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है।
वर्तमान में अमेठी, जो एक हाई-प्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र है, का प्रतिनिधित्व केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी करती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराया था। वह 2024 का लोकसभा चुनाव फिर से अमेठी से लड़ रही हैं।
आठ रेलवे स्टेशन जिनके नाम बदले गए
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेठी के निम्नलिखित आठ स्टेशनों के नाम में बदलाव को मंजूरी दे दी है।
- फुरसतगंज रेलवे स्टेशन को तपेश्वरनाथ धाम के रूप में,
- कासिमपुर हाल्ट को जायस सिटी,
- जायस शहर को गुरु गोरखनाथ धाम,
- बानी को स्वामी परमहंस,
- मिसरौली को माँ कालिकन धाम,
- निहालगढ़ को महाराजा बिजली पासी,
- अकबरगंज को माँ कालिकन धाम,
- वारिसगंज को अमर शहीद भाले सुल्तान,
किसी कस्बे या शहर या रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया
किसी शहर, कस्बे या रेलवे स्टेशन के नाम में बदलाव के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1953 में एक दिशानिर्देश जारी किया था। दिशानिर्देश को 2002 में मंत्रालय द्वारा संशोधित किया गया था।
दिशानिर्देशों के अनुसार, संबंधित राज्य सरकार को किसी कस्बे/शहर/गांव/रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद गृह मंत्रालय भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण, डाक विभाग और केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से परामर्श करता है।
संतुष्ट होने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय राज्य सरकार को कस्बे, शहर या रेलवे स्टेशन के नाम में बदलाव को मंजूरी देते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करता है।
गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद संबंधित राज्य सरकार अपने राजपत्र में नाम प्रकाशित करती है।
हाल ही में परिवर्तित शहर/कस्बे या रेलवे स्टेशनों के नाम
- 15 दिसंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया।
- 2022 में गृह मंत्रालय ने गोरखपुर में नगर पंचायत 'मुंडेरा बाजार' का नाम बदलकर 'चौरी चौरा' और गांव 'तेलिया अफगान' का नाम बदलकर तेलिया उत्तर प्रदेश करने को मंजूरी दे दी।
- 2021 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम कर दिया गया।
- 2022 में माखन लाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली बाबई,मध्य प्रदेश का नाम बदलकर माखन नगर कर दिया गया।
किसी राज्य के नाम में परिवर्तन
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 किसी राज्य का नाम बदलने की प्रक्रिया से संबंधित है।
- किसी राज्य का नाम बदलने वाला विधेयक राष्ट्रपति की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा संसद के किसी भी सदन- लोकसभा या राज्यसभा में पेश किया जा सकता है।
- हालाँकि, विधेयक को लोकसभा या राज्यसभा में पेश करने से पहले, राष्ट्रपति को इसे संबंधित राज्य विधानमंडल के पास उसकी राय के लिए भेजा जाता है ।
- राष्ट्रपति एक समय अवधि निर्दिष्ट करता है जिसके भीतर राज्य विधायिका को अपनी राय व्यक्त करनी होती है।
- यदि राज्य विधानमंडल निर्धारित समयावधि के भीतर विधेयक पारित नहीं करता है तो वह विधेयक संसद में पेश किया जाता है।
- राज्य विधानमंडल की राय राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं है।
- विधेयक को पारित करने के लिए संसद में साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है। राष्ट्रपति द्वारा विधेयक का अनुमोदन के साथ ही वह विधेयक अधिनियम (कानून) बन जाता है।
- राष्ट्रपति उस तारीख को अधिसूचित करते हैं जिस दिन से यह कानून प्रभावी होगा।
1 जनवरी 2007 को उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड और 2011 में उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा करने में इसी प्रक्रिया का पालन किया गया था।