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दो दिवसीय तटीय सुरक्षा अभ्यास- सागर कवच 02/23 का समापन

Utkarsh Classes Last Updated 04-03-2024
Conclusion of two day coastal security exercise – Sagar Kavach 02/23 Military exercise 4 min read

भारतीय नौसेना ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में सभी समुद्री सुरक्षा एजेंसियों को शामिल करते हुए दो दिवसीय व्यापक तटीय सुरक्षा अभ्यास- सागर कवच 02/23 का आयोजन किया। 

तटीय सुरक्षा अभ्यास- सागर कवच 02/23 का आयोजन:

  • यह दो दिवसीय व्यापक अभ्यास 11 और 12 अक्टूबर, 2023 को आयोजित किया गया। 
  • पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, एफओ सी-इन-सी (पूर्व) ने इसका नेतृत्व किया उन्हें कमांडर-इन-चीफ, तटीय रक्षा (पूर्वीं) का अधिकार भी प्राप्त है।

सागर कवच 02/23 में शामिल सैन्य बल:  

  • अभ्यास में भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, राज्य और केन्द्र शासित प्रशासन, समुद्री पुलिस, मत्स्य पालन, सीमा शुल्क, खुफिया एजेंसियों, लाइट हाउस, बंदरगाह वन आदि के लगभग 2500 कर्मी शामिल थे।

सागर कवच 02/23 का उद्देश्य: 

  • इस अभ्यास का उद्देश्य समुद्र के खतरे से निपटने के दौरान तटीय सुरक्षा तंत्र की प्रभावशीलता और सुदृढ स्थिति का आकलन करना था।
  • क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए तटरक्षक बल और अन्य तटीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भारतीय नौसेना के जहाजों को तैनात किया गया था। 
  • विशाखापत्तनम, चेन्नई और रामनाथपुरम से संचालित होने वाले डोर्नियर विमानों और हेलीकॉप्टरों द्वारा व्यापक हवाई सर्वेक्षण किया गया। 
  • इस अभ्यास की विशाखापत्तनम के संयुक्त संचालन केंद्र (पूर्व) में सूक्ष्म निगरानी की गई। यह संचालन के क्षेत्र में सभी तटीय सुरक्षा अभियानों और अभ्यासों के लिए नोडल केंद्र है।
  • इस अभ्यास में सभी तटीय सुरक्षा हितधारकों के बीच घनिष्ठ समन्वय और तालमेल देखा गया। अभ्यास से प्राप्त परिणामों का उपयोग तटीय सुरक्षा को सुदृढ बनाने के लिए किया जाएगा।

भारतीय नौसेना: 

  • स्थापना: 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली 
  • प्रमुख: एडमिरल आर हरि कुमार भारतीय नौसेना के 25वें प्रमुख हैं 
  • इसकी अध्यक्षता सर्वोच्च कमांडर के रूप में भारत के राष्ट्रपति करते हैं।
  • भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य है- ‘शं नो वरुणः’।
  • भारतीय नौसेना के आरंभिक अभियानों में 1961 में गोवा को पुर्तगाल से मुक्त कराने में उसका योगदान शामिल है।
  • भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में 132 युद्धपोत, 143 विमान और 130 हेलीकॉप्टर हैं
  • भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के आठ कार्वेट, नौ पनडुब्बियों, पाँच सर्वेक्षण जहाजों के निर्माण के लिए प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है।
  • भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में एक विमानवाहक पोत- आईएनएस विक्रमादित्य है, जिसे वर्ष 2013 में कमीशन किया किया गया था।
  • आईएनएस विक्रांत नाम के स्वदेशी विमान वाहक ने 2021 में समुद्री परीक्षण (परीक्षणों के अंतिम चरणों में से एक) शुरू किया है।
  • मरीन कमांडो या मार्कोस भारतीय नौसेना की विशेष बल इकाई है, जिसे युद्ध, आतंकवाद विरोधी, विशेष अभियानों, बंधक बचाव और असममित युद्ध का संचालन करने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है। 

FAQ

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी

भारतीय नौसेना

सभी समुद्री सुरक्षा एजेंसियों ने भाग लिया (भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, राज्य और केन्द्र शासित प्रशासन, समुद्री पुलिस, मत्स्य पालन, सीमा शुल्क, खुफिया एजेंसियों, लाइट हाउस, बंदरगाह वन)

एक (विमानवाहक पोत- आईएनएस विक्रमादित्य)
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