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प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान के लिए जागरूकता अभियान

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Campaign On Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan Government Scheme 3 min read

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने एक सूचना, शिक्षा और संचार अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान के बारे में जागरूकता पैदा करना है। पूरे अभियान के दौरान आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाणपत्र और जन धन खाते संबंधित संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। ये आयोजन हाट बाजार, ग्राम पंचायतों, कॉमन सर्विस सेंटरों, आंगनबाड़ियों, वन विकास केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित होंगे।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान के लिए जागरूकता अभियान

  • अभियान का उद्देश्य सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की अधिकता वाले आदिवासी बस्तियों में रहने वाले लोंगों को सभी पात्र योजनाओं का लाभ पहुँचना है।
  • इस अभियान का उद्देश्य देश भर के 200 जिलों में 22,000 पीवीटीजी आदिवासी बस्तियों को जागरूकता अभियान के माध्यम से कवर करना है।
  • कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी कमजोर जनजातीय समूह का परिवार, भौगोलिक दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण किसी भी योजना में पात्रता रखने के बाद भी योजना के लाभ से वंचित न रहे। इसमें कैंपो और कार्यक्रमों के माध्यम से योजनाओं का लाभ और योजनाओं के संबंध में जागरूकता फैलायी जाएगी।

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम-जनमन की शुरुआत की।
  • इसकी शुरुआत झारखंड के खूंटी जिले से की गई।
  • यह प्रणाली वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2025-26 तक लागू की जाएगी।
  • पीएम-जनमन जनजातीय मामलों के मंत्रालय के महत्वपूर्ण  योजनाओं और कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी)

  • विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह, या पीवीटीजी, एक अनुसूचित जनजाति उप-वर्गीकरण या अनुसूचित जनजाति के ही घटक है।
  • इसे सामान्य अनुसूचित जनजाति की तुलना में अधिक संवेदनशील माना जाता है।
  • पीवीटीजी सबसे कमजोर जनजातीय समूह हैं।
  • आदिम जनजातीय ग्रुप (पीटीजी) को जनजातियों में सबसे कम विकसित जनजाति के रूप में भी जाना जाता है। 
  • 1973 में ढेबर आयोग द्वारा इसे पीटीजी नामक एक अलग श्रेणी के रूप में परिभाषित किया गया था।
  • 2006 में, भारत सरकार द्वारा पीटीजी का नाम बदलकर पीवीटीजी कर दिया गया।
  • सूचीबद्ध 75 पीवीटीजी में से सर्वाधिक ओडिशा(15) में निवास करते हैं।

FAQ

उत्तर. जनजातीय कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान योजना से संबंधित जागरूकता अभियान की शुरुआत की

उत्तर. PM-JANMAN का पूरा नाम प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान है।

उत्तर. ढेबर आयोग ने 1973 में आदिम जनजातीय समूहों (पीटीजी) को एक अलग श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया।
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