भूटान के विदेश सचिव औम पेमा चोडेन भारत के दौरे पर हैं और उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा से मुलाकात की।
दोनों विदेश सचिवों ने 29 जुलाई 2023 को नई दिल्ली में आयोजित भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता की अध्यक्षता की। वार्ता में, भूटानी पक्ष ने 2024 में शुरू होने वाली भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के बारे में विवरण साझा किया। भारत, भूटान की पंचवर्षीय योजना का एक प्रमुख वित्तपोषक है।
इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष इस साल अप्रैल में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की भारत यात्रा के दौरान जारी संयुक्त वक्तव्य के आलोक में इस तरह के सहयोग को और मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे।
भारत-भूटान द्विपक्षीय संबंधों का मूल ढांचा उनके बीच वर्ष 1949 में हस्ताक्षरित मित्रता और सहयोग संधि है। जिसके अनुसार दोनों देशों ने एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की बात कही है। इसमें वर्ष 2007 में संधि को संशोधित किया गया।
भूटान, भारत को अपनी विदेश नीति का मार्गदर्शन करने देने पर सहमत हुआ।
भारत और भूटान के बीच सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार, पारगमन, आर्थिक, जलविद्युत, विकास सहयोग, जल संसाधन आदि क्षेत्रों में कई संस्थागत और राजनयिक तंत्र हैं।
भूटान की सीमा भारत के चार राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से लगती है।
भूटान के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की लंबाई 699 किमी है।
भूटान में भारतीय सहयोग से पनबिजली परियोजनाएं बनाई गई हैं, जिनमें मुख्य रूप से चूखा (336 मेगावाट), कुरिच (60 मेगावाट), ताला (1020 मेगावाट) और मंगदेछू शामिल हैं।
भूटान एक राजशाही है जिसे 'लैंड ऑफ थंडर' के नाम से भी जाना जाता है।
राजधानी: थिम्पू
मुद्रा: नगुल्ट्रम (न्यू, बीटीएन)
राजा: जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक
प्रधान मंत्री: ल्योंचेन लोटे शेरिंग