3 अप्रैल, 2024 को ‘आर्मी मेडिकल कोर’ (एएमसी) ने अपना 260वां स्थापना दिवस मनाया। आर्मी मेडिकल कोर की स्थापना वर्ष 1764 में हुई थी। आर्मी मेडिकल कोर ने युद्ध और शांति दोनों ही समय में सदियों से प्रगति, विकास, समर्पण और बलिदान के माध्यम से राष्ट्र को निस्वार्थ सेवा प्रदान की है।
आर्मी मेडिकल कोर का आदर्श वाक्य:
- कोर सदियों से अपने आदर्श वाक्य 'सर्वे सन्तु निरामया' जिसका अर्थ है 'सभी रोगमुक्त हों' के अनुरूप कार्य कर रहा है।
- इस अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने भाग लिया।
- इस समारोह का आयोजन, स्थापना दिवस के गौरवशाली इतिहास को चिन्हित करने के लिए किया गया। साथ ही उपलब्धियों को सम्मानित करने तथा एएमसी के एस्प्रिट – डी - कोर के उत्सव को मनाने के लिए किया गया था।
- कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं की विशिष्ट उपलब्धियों से संबंधित एक लघु फ़िल्म भी प्रदर्शित की गई। जिसमें एएफएमएस तथा सिविल एवं सेना के 700 से अधिक पूर्व सैनिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
आर्मी मेडिकल कोर का योगदान:
- एएमसी स्थापना दिवस समारोह आर्मी मेडिकल कोर के हजारों-हजार अधिकारियों, जेसीओ और अन्य रैंकों के योगदान को रेखांकित करता है।
- यह, सशस्त्र बल कर्मियों, परिवारों और पूर्व सैनिकों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में सफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र शांति वाहिनी मिशनों और विदेशी भूमि पर एचएडीआर क्रियाकलापों के हिस्से के रूप में, कोर ने चिकित्सा देखभाल के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
- युद्ध के समय उत्कृष्ट अत्याधुनिक चिकित्सा देखभाल को व्यापक बनाने का कार्य किया है। यह शांति काल में चिकित्सा देखभाल को बढ़ाने के अपने प्रयास में एएमसी ने अपने कर्तव्य पथ से आगे बढ़कर व्यावसायिकता, साहस और करुणा के क्षेत्र में एक उच्च मानक स्थापित किया है।
- एएमसी 'स्वस्थ भारत, विकसित भारत' के अंतिम लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ता रहा है।
आर्मी मेडिकल कोर (एएमसी) स्थापना दिवस के बारे में:
- भारतीय चिकित्सा सेवा, भारतीय चिकित्सा विभाग और भारतीय अस्पताल कोर के समामेलन से 3 अप्रैल 1943 को भारतीय सेना मेडिकल कोर अस्तित्व में आई।
- एएमसी सैन्य चिकित्सा में कई इनोवेशन का कार्य करती है। जिसमें सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया का उपयोग, फील्ड अस्पतालों का विकास और सैन्य शिविरों में स्वच्छता और स्वच्छ प्रथाओं को अपनाना है। युद्ध के दौरान सैनिकों के बीच मृत्यु दर को कम करने में ये कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
- आरंभ में कोर को ब्रिटिश सेना को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का काम सौंपा गया था। जिसमें युद्ध के दौरान सैनिकों के चोटों, बीमारियों का इलाज करना शामिल था।
- एएमसी ने सैनिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह निरंतरता आज भी जारी है।
- एएमसी के सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक 1860 में आर्मी मेडिकल स्कूल की स्थापना थी। स्कूल ने सैन्य सेवा के लिए चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और अनुसंधान के माध्यम से वर्तमान में सेना मेडिकल स्कूल को आर्मी मेडिकल सर्विसेज ट्रेनिंग सेंटर के रूप में जाना जाता है।
- बंगाल प्रेसीडेंसी चिकित्सा सेवा, जो भारत में तीन प्रेसीडेंसी की पहली सैन्य सेवा थी। इसे 1 जनवरी 1764 को स्थापित किया गया था।