4 अप्रैल, 2024 को सेना ने एयर डिफेंस सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाते हुए 'आकाशतीर कमांड और कंट्रोल सिस्टम' को भारतीय सेना के एयर डिफेंस कोर में शामिल किया गया। सेना ने इस एयर डिफेंस सुरक्षा प्रणाली को नई चुनौतियों का मुकबला करने के लिए तैयार किया है।
भारतीय सेना की मजबूत होगी एयर डिफेंस सिस्टम:
- भारतीय सेना में इस अत्याधुनिक हाईटेक प्रणाली को शामिल किए जाने से एयर डिफेंस सिस्टम और मजबूत और आधुनिक होगी
भेल ने विकसित किया है आकाशतीर एयर डिफेंस:
- भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (भेल) के गाजियाबाद प्रतिष्ठान से आकाशतीर के पहले बैच को एयर डिफेंस नियंत्रण केंद्रों के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसे आत्मनिर्भर भारत पहल के भाग के रूप में विकसित किया गया है।
2024 होगा सेना का तकनीकी समावेशन का वर्ष:
- आधुनिकीकरण के नए दौर से कदम ताल करने के लिए सेना ने वर्ष 2024 को 'तकनीकी समावेशन का वर्ष' घोषित किया है। भारतीय सेना विशिष्ट प्रौद्योगिकी व प्रणालियों को शामिल करने की दिशा में काम कर रही है।
आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम की विशेषता:
- आकाशतीर परियोजना सेना के एयर डिफेंस प्रणाली की संचालन दक्षता और एकीकरण को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
- इसमें पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं को आटोमेटिक संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।
- आकाशतीर नियंत्रण केंद्रों को शामिल करना भारतीय सेना द्वारा नए दौर के लिए किए जा रहे बदलावों की दिशा में प्रमुख मील के पत्थरों में से एक है। यह सिस्टम सेना के जटिल वायु रक्षा अभियानों की वर्तमान ही नहीं भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
- आकाशतीर सभी स्तरों पर रडार और संचार प्रणालियों को एक एकीकृत नेटवर्क में जोड़कर लक्ष्य की पहचान कर उसे नियंत्रण प्रदान करता है।
- इसकी त्वरित सटीकता शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों पर तेजी से हमला करने में सक्षम है। यह सेना को एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली प्रदान करेगा। इससे वह संभावित हवाई खतरों से महत्वपूर्ण संपत्तियों, सैनिकों और बुनियादी ढांचे की बेहतर रक्षा कर सकेगी।
- यह एकीकरण सेना को विभिन्न रडार, नियंत्रण केंद्रों और जमीन-आधारित हथियार प्रणालियों के डेटा को मिलाकर अपने वायु रक्षा अभियानों को अनुकूलित करने की अनुमति देगा।
- यह केंद्रीकृत रणनीति अधिक प्रभावी निर्णय लेने और हवाई खतरों पर तेजी से प्रतिक्रिया करने की अनुमति देगी। इससे भारत की समग्र रक्षा स्थिति को बढ़ावा मिलेगा।
- आकाशतीर से विवादित हवाई क्षेत्र में मित्र देशों के विमानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी और इनकी सुरक्षा का जोखिम कम होगा।
- आकाशतीर का एक उल्लेखनीय पहलू गतिशीलता और लचीलेपन पर जोर है। इसके सिस्टम के नियंत्रण केंद्र वाहन-आधारित और चलायमान बनाए गए हैं। ताकि चुनौतीपूर्ण संचार वातावरण में भी इसकी संचालन क्षमताएं प्रभावित न हो। इन्हें जरूरत के हिसाब से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सके।