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अग्रे और अक्षय : नौसेना में शामिल हुए पनडुब्बी रोधी दो स्वदेशी युद्धपोत

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Agray & Akshay : Navy receives two indigenous anti-submarine warships Defence 5 min read

13 मार्च 2024 को भारतीय नौसेना के पनडुब्बी रोधी अभियानों को बढ़ावा देने के लिए दो जहाजों 'अग्रे' और 'अक्षय' को लॉन्च किया गया। रक्षा मंत्रालय द्वारा आठ ऐसे एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (एसडब्ल्यूसी) के निर्माण के लिए कोलकाता स्थित पीएसयू जीआरएसई के साथ एक अनुबंध किया गया है। 

  • इन जहाजों को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित किया गया है।
  • इसके लिए जीआरएसई के साथ अनुबंध करने के लगभग पांच वर्ष बाद 13 मार्च 2024  को दोनों  युद्धपोतों 'अग्रे' और 'अक्षय' को लॉन्च किया गया।

'अग्रे' और 'अक्षय' का नामकरण: 

  • अग्रे और अक्षय - जिनका नाम भारतीय नौसेना के पूर्व अभय क्लास कार्वेट अग्रे और अक्षय के नाम पर रखा गया है। 
  • परंपरा के अनुसार, किसी महिला द्वारा ही नामकरण की परंपरा है इसलिए नीता चौधरी ने दोनों पोत का नाम ‘आइएनएस अग्रे’ और ‘आइएनएस अक्षय’ रखा। 
  • जीआरएसई नौसेना के लिए एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी सीरीज के आठ युद्धपोत का निर्माण कर रहा है, उस क्रम में यह पांचवां और छठवां पोत है। 
  • भारत आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बी और विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता वाले दुनिया के चुनिंदा देशों में से एक है। 
  • दोनों युद्धपोत की प्राथमिक भूमिका तटों के आस-पास समुद्री क्षेत्र में पनडुब्बी रोधी अभियान और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियान जैसे कार्यों का संचालन करना है। 
  • यह युद्धपोत पानी के भीतर दुश्मनों की पनडुब्बियों का पता लगाने में सक्षम है। 
  • इस जहाज को विभिन्न समुद्री मानक परीक्षणों से गुजारने के बाद इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी सीरीज के चौथे जहाज आइएनएस अमिनि को नवंबर, 2023 में लांच किया गया था। 
  • उसके चार माह के भीतर एक साथ इस सीरीज के दो जहाजों को लांच करना ऐतिहासिक उपलब्धि है।

अग्रे और अक्षय का शुभारंभ: 

  • वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की पत्नी नीता चौधरी ने अथर्ववेद के मंगलाचरण के साथ जहाजों का शुभारंभ किया।
  • भारतीय नौसेना ने आधिकारिक तौर पर जानकारी दी कि अर्नाला श्रेणी के ये जहाज भारतीय नौसेना के सेवारत अभय श्रेणी के एएसडब्ल्यू कार्वेट की जगह लेंगे।

अग्रे और अक्षय का कार्य:  

  • इन्हें तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों, कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) और माइन बिछाने के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।

अग्रे और अक्षय की विशेषता: 

  • एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज 77.6 मीटर लंबा और 105 मीटर चौड़ा है। इन जहाजों की 900 टन का विस्थापन क्षमता और 1800 एनएम से अधिक की सहनशक्ति है।
  • इस पोत में समुद्री सीमाओं में पानी के भीतर दुश्मनों की पनडुब्बियों का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने की क्षमता है।
  • ये पोत तीन डीजल चालित जेट वाटर द्वारा संचालित हैं। साथ ही तटीय जल की पूर्ण पैमाने पर उप - सतही निगरानी के साथ खोज और दुश्मनों पर हमला करने में भी सक्षम हैं।

पिछले एक वर्ष में 3 स्वदेश निर्मित युद्धपोतों को भारत ने किया लॉन्च:  

  • पिछले एक वर्ष में, भारतीय नौसेना के लिए 3 स्वदेश निर्मित युद्धपोतों/पनडुब्बियों की आपूर्ति की गई है। कुल 9 युद्धपोतों को लॉन्च किया गया है। इस क्रम में दो और जहाजों का शुभारंभ जहाज निर्माण में 'आत्मनिर्भर भारत' के प्रति देश के संकल्प को उजागर करता है।

भारतीय नौसेना का स्वदेशीकरण: 

  • नौसेना के अनुसार, एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा सामग्री का उत्पादन किया जा सकता है। इससे देश के भीतर रोजगार और आत्मनिर्भरता की क्षमता में वृद्धि होगी।

FAQ

Answer: आइएनएस अग्रे और आइएनएस अक्षय

Answer: नीता चौधरी (वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की पत्नी)

Answer: इन युद्धपोतों को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित किया गया है।

Answer: अर्नाला श्रेणी

Answer: अभय श्रेणी के एएसडब्ल्यू कार्वेट का स्थान लेंगे।
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