नागा रेजिमेंट की तीसरी बटालियन को 'प्रेसिडेंट्स कॉलर्स' प्राप्त हुआ
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Defence
4 min read
13 अक्टूबर, 2023 को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रानीखेत (उत्तराखंड) के कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर में आयोजित एक शानदार कॉलर प्रजेंटेशन परेड के दौरान नागा रेजिमेंट की तीसरी बटालियन को प्रतिष्ठित 'प्रेसिडेंट्स कॉलर्स' से सम्मानित किया।
सेना प्रमुख ने परेड का निरीक्षण करने के बाद संचालन, प्रशिक्षण एवं खेल सहित सैन्य गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में नागा रेजिमेंट की समृद्ध परंपराओं की सराहना की।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कम समय में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए भी इस नवगठित इकाई की प्रशंसा की और सभी रैंकों को गर्व के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
प्रेसिडेंट कॉलर्स क्या है?
युद्ध और शांति दोनों में राष्ट्र को प्रदान की गई असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को प्रेसिडेंट कॉलर्स दिया जाता है।
27 मई 1951 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रेसिडेंट कॉलर्स पाने वाली भारतीय नौसेना पहली भारतीय सशस्त्र सेना थी।
कॉलर्स जिसे एक झंडे द्वारा दर्शाया गया, उसे रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर (केआरसी) में बटालियन को प्रस्तुत किया गया।
कॉलर्स को ‘निशान’ भी कहा जाता है, यह कॉलर्स एक सैन्य परंपरा है, और इसे बटालियन के करतबों की मान्यता के रूप में देखा जाता है। ‘कॉलर्स’ बटालियन की सामूहिक भावना और मेहनत या वीरता का प्रतीक है।
यह परंपरा औपनिवेशिक शासन के तहत आरंभ हुई, लेकिन 23 नवंबर 1950 को, तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय रेजिमेंट के ‘किंग्स कलर’ को चेटवोड हॉल, देहरादून में दफनाया गया, ताकि भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के ‘कॉलर्स’ के लिए रास्ता बनाया जा सके।
कॉलर्स राष्ट्रपति या उनकी ओर से सेना प्रमुख द्वारा प्रस्तुत किये जाते हैं।
नागा रेजिमेंट:
नागा रेजिमेंट की पहली बटालियन (1 नागा) की स्थापना 1 नवंबर 1970 को लेफ्टिनेंट कर्नल आर. एन. महाजन की कमान के तहत कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर में की गई थी।
नागा रेजिमेंट की तीसरी बटालियन की स्थापना 1 अक्टूबर 2009 को कुमाऊं की पहाड़ियों के बीच स्थित हलद्वानी में की गई थी, जो कुमाऊं और नागा रेजिमेंट का प्रमुख स्थान है।
सेना के लिए कॉलर्स का महत्व:
कॉलर्स को एक पवित्र प्रतीक माना जाता है और दुनिया भर में सेनाओं की इकाइयों और रेजिमेंटों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है।
रेजिमेंट के कलर सुनहरे, हरे और लाल हैं – सुनहरा उगते सूरज का प्रतीक है, हरा पैदल सेना का प्रतीक, और लाल नागाओं के बीच अधिकार का कलर है।
FAQ
नागा रेजिमेंट की तीसरी बटालियन
नागा रेजिमेंट की तीसरी बटालियन की स्थापना 1 अक्टूबर 2009 को की गई
युद्ध और शांति दोनों में राष्ट्र को प्रदान की गई असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को प्रेसिडेंट कॉलर्स दिया जाता है।
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