हर साल, भारत अपनी तकनीकी और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक के रूप में मनाने के लिए 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है । इस दिन का उद्देश्य देश के युवाओं को प्रेरित करना और देश की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह देश के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में भारत की सफलता का प्रतीक है।
इस दिन, भारत सरकार राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के विजेताओं के नामों की भी घोषणा करती है।
पहला राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 को पोखरण परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया गया था । भारत ने 11 मई 1998 को पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किया था।
11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाने के निर्णय की घोषणा अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास परिषद द्वारा की गई थी।
इसका उद्देश्य आजादी के बाद से देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को उजागर करना था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2024 का विषय है “स्कूलों से स्टार्टअप तक: नवप्रवर्तन के लिए युवा दिमागों को प्रज्वलित करना।”
इस साल का विषय स्कूली बच्चों को अपने स्वयं के स्टार्ट-अप शुरू करने और भारत को दुनिया में स्टार्टअप का केंद्र बनाने में योगदान देने पर जोर देती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2024 को नई दिल्ली में स्टार्टअप महाकुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप और 110 यूनिकॉर्न हैं।