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2023 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार नॉर्वेजियन जॉन फॉसे को दिया गया
Utkarsh Classes
Updated: 05 Oct 2023
2 Min Read
स्वीडिश अकादमी ने साहित्य में 2023 के नोबेल पुरस्कार के लिए नॉर्वेजियन लेखक जॉन ओलाव फॉसे को चुना है। स्वीडिश अकादमी के अनुसार, जॉन ओलाव फॉसे को "उनके नवोन्मेषी नाटकों और गद्य के लिए जो अनकही को आवाज देते हैं" के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। साहित्य का नोबेल पुरस्कार किसी लेखक के जीवन भर के साहित्यिक कार्य के लिए दिया जाता है।
जॉन ओलाव फॉसे को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की पुरस्कार राशि मिलेगी। यह पुरस्कार उन्हें 10 दिसंबर, 2023 को स्टॉकहोम, स्वीडन में प्रदान किया जाएगा।
जॉन ओलाव फॉसे का जन्म 29 सितंबर 1959 को नॉर्वे के हाउगेसुंड में हुआ था।
उन्होंने लगभग 40 उपन्यास, लघु कथाएँ, कविता, बच्चों की किताबें ,नाटक और निबंध भी लिखे हैं।
उनका पहला उपन्यास राउड स्वार्ट था, जो 1983 में प्रकाशित हुआ था।
उनके अन्य कार्यों में उपन्यास "स्टेंग्ड गिटार" और "स्कुगर" (2007) और लघु उपन्यास 'मॉर्गन ओग क्वेल्ड' शामिल हैं।
उनके काम, "ए न्यू नेम: सेप्टोलॉजी VI-VII", को 2022 में अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था।
जॉन ओलाव फॉसे साहित्य पुरस्कार पाने वाले चौथे नॉर्वेजियन हैं।
अन्य विजेता हैं;
नोबेल पुरस्कार की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल की याद में की गई थी, जिन्होंने अपनी वसीयत में एक फाउंडेशन स्थापित करने के लिए कहा था। उनकी वसीयत के अनुसार उन व्यक्तियों या संस्थानों को पुरस्कार दिया जाएगा , जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान "मानव जाति" के बहुत बड़ा काम किया हो । नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 1900 में हुई थी और पहला पुरस्कार 1901 में दिया गया था।
रवीन्द्रनाथ टैगोर साहित्य में नोबेल पुरस्कार (1913) पाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। वह नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई थे।
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