पहली भारत-जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) रणनीतिक वार्ता के लिए संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक, 9 सितंबर 2024 को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित की गई थी। यह भारत और छह सदस्यीय जीसीसी के बीच पहली विदेश मंत्री स्तर की बैठक थी।
पहली भारत-जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) रणनीतिक वार्ता के लिए संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और कतर के प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने की।
वर्तमान में जीसीसी की अध्यक्षता कतर के पास है।
बैठक में जीसीसी सदस्य देशों के सभी विदेश मंत्रियों और जीसीसी के महासचिव जसेम मोहम्मद अलबुदैवी ने भाग लिया।
संयुक्त कार्य योजना 2024-28
भारत-जीसीसी बैठक में, स्वास्थ्य, व्यापार, सुरक्षा, कृषि और खाद्य सुरक्षा, परिवहन, ऊर्जा, संस्कृति आदि में संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना 2024-2028 को अपनाया गया।
खाड़ी सहयोग परिषद एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें सऊदी अरब, कतर, बहरीन, ओमान, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं।
इन देशों में करीब 89 लाख भारतीय काम करते हैं और रहते हैं।
इस क्षेत्र तेल और गैस का दुनिया का सबसे समृद्ध भंडार पायी जाते है। जीसीसी देश भारत के लिए तेल और गैस का एक प्रमुख स्रोत हैं और भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
2023-24 के दौरान, भारत-जीसीसी व्यापार 161.59 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
भारत का निर्यात 56.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 105.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
खाड़ी सहयोग परिषद का गठन मई 1981 में छह इस्लामी अरब देशों - सऊदी अरब, कतर, बहरीन, ओमान, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन के रूप में किया गया था।
जीसीसी की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच प्रतिवर्ष बदलती रहती है।
मुख्यालय: रियाद, सऊदी अरब
वर्तमान अध्यक्ष : कतर