केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम: मेमोरीज नेवर डाइ’ पुस्तक का विमोचन, 29 जुलाई 2023 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में आयोजित एक सभा में किया। यह तमिल पुस्तक 'निनैवुगालुक्कू मारानामिलई' का अंग्रेजी अनुवाद है।
एपीजेएम नसीमा मराइकयार और वैज्ञानिक वाई.एस. राजन द्वारा सह-लिखित यह पुस्तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन और विरासत के प्रति एक श्रद्धांजलि है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी डॉ. कलाम के पैतृक जन्म स्थान रामेश्वरम का दौरा किया और रामेश्वरम में स्थित 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक' पर दिवंगत राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में
डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम के एक गरीब परिवार में हुआ था और उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को शिलांग, मेघालय में हुई थी।
डॉ. कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की और 1958 में भारत सरकार के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्था 'रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) में शामिल हुए।
इसरो में भूमिका
15 अगस्त 1969 को भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की और 1969 में डॉ. कलाम को इस संगठन में स्थानांतरित कर दिया गया।
डॉ. कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-III (एसएलवी-III) के परियोजना निदेशक बने। एसएलवी-III, भारत में डिज़ाइन और उत्पादित किया जाने वाला पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान था।
डीआरडीओ में भूमिका
1982 में वह डीआरडीओ में फिर से शामिल हो गए और उन्हें एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीडीपी) का मुख्य कार्यकारी बनाया गया। डॉ. कलाम की देखरेख में पृथ्वी और अग्नि जैसी कई सफल मिसाइलें विकसित की गईं, जिसके कारण उन्हें भारत के 'मिसाइल मैन' का उपनाम मिला।
पोखरण-II में भूमिका
डॉ. कलाम ने प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी काम किया और पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण 1998 के मुख्य परियोजना समन्वयक थे। 'शक्ति परियोजना' कोड नाम के तहत 11 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में पांच परमाणु बम का परीक्षण किया गया था।
राष्ट्रपति के रूप में
2002 में वह अपनी प्रतिद्वंद्वी लक्ष्मी सहगल को हराकर भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गये। डॉ. कलाम 2002-2007 तक राष्ट्रपति रहे।
पुरस्कार
डॉ. कलाम को उनके जीवनकाल में कई पुरस्कार प्रदान किये गये। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न (1997) और दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (1990) से सम्मानित किया गया था।
डॉ. कलाम द्वारा लिखित पुस्तकें:
डॉ कलाम एक विपुल लेखक थे जिन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और कई पुस्तकों का सह-लेखक भी किया।
डॉ. कलाम द्वारा लिखित पुस्तकें
विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी
इग्नाइटेड माइंड्स: अनलीशिंग द पावर विदइन इंडिया
द ल्यूमिनस स्पार्क्स
मिशन इंडिया
ए पी जे अब्दुल कलाम के प्रेरक विचार
इंडोमीटबले स्पिरिट
टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंज
माई जर्नी: ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शन्स
फोर्ज योर फ्यूचर : कैंडिड, फोर्थराइट
डॉ. कलाम द्वारा सह-लिखित पुस्तकें
द्रव यांत्रिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विकास, एपीजे अब्दुल कलाम और रोड्डम नरसिम्हा द्वारा
भारत 2020: नई सहस्राब्दी के लिए एक दृष्टिकोण, एपीजे अब्दुल कलाम और वाई एस राजन
एनविजनिंग अन एमपावर्ड नेशन: टेक्नालजी फार सोसायटल ट्रांसफारमेशन, एपीजे अब्दुल कलाम और ए शिवथानु पिल्लई
यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियॉन्ड, एपीजे अब्दुल कलाम और अरुण तिवारी
टार्गेट 3 बिलियन, एपीजे अब्दुल कलाम और सृजन पाल सिंह द्वारा
ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज: ए सीक्वल टू इंडिया 2020, एपीजे अब्दुल कलाम और वी पोनराज
रिइग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज़ टू ए ब्राइटर फ्यूचर, एपीजे अब्दुल कलाम और सृजन पाल सिंह
एडवांटेज इंडिया: फ़्रोम चैलेंज तो ऑपर्चुनिटी, एपीजे अब्दुल कलाम और सृजन पाल सिंह