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महिला आरक्षण विधेयक अब संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम बना

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Women's Reservation Bill now Constitution (106th Amendment) Act Bill and Act 3 min read

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 28 सितंबर 2023 को महिला आरक्षण विधेयक को अपनी सहमति दे दी है, जिससे अब इसे आधिकारिक तौर पर संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के रूप में जाना जाएगा। इस संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा ने लगभग सर्वसम्मति से पारित किया था।

  • इस संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान है।
  • इसके प्रावधान के अनुसार, "यह उस तारीख से लागू होगा जो केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निर्धारित करेगी।"
  • इस महीने की शुरुआत में संसद के एक विशेष सत्र के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून को "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" बताया था।

संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के प्रावधान कब से लागु होंगे? 

  • कानून को लागू होने में कुछ समय लगेगा क्योंकि अगली जनगणना और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया - लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण - महिलाओं के लिए निर्धारित की जाने वाली विशेष सीटों का पता लगाएगी।
  • इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए कोटा 15 वर्ष तक जारी रहेगा और संसद बाद में लाभ की अवधि बढ़ा सकती है।
  • जबकि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की महिलाओं के लिए कोटा है।

27 वर्ष अटका विधेयक अंततः अधिनियम बना: 

  • 1996 के बाद से संसद में विधेयक को पारित करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। आखिरी बार ऐसा प्रयास 2010 में किया गया था, जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण के लिए एक विधेयक पारित किया था, लेकिन यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका।

लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है, जबकि कई राज्य विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से कम है।

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