भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ साझेदारी में वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। परीक्षण 12 सितंबर 2024 को ओडिशा के तट पर चांदीपुर द्वीप पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में किया गया था।
एक सप्ताह केअंदर में डीआरडीओ द्वारा यह दूसरा सफल मिसाइल परीक्षण है। डीआरडीओ ने 6 सितंबर 2024 को अपनी परमाणु-सक्षम मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम ) अग्नि -4 का उपयोगकर्ता परीक्षण सफलतापूर्वक किया था।
परीक्षण के दौरान, उन्नत रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर से लैस मिसाइल को भूमि-आधारित ऊर्ध्वाधर लांचर से प्रक्षेपित किया गया, जिसने कम ऊंचाई पर उड़ रहे एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे वीएल-एसआरएएम का निर्माण केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी भारत डायनेमिक लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल, भारतीय नौसेना द्वारा तैनात इजरायली बराक-1 मिसाइल की जगह लेगी है।
वीएल-एसआरएसएएम के बारे में
- वीएल-एसआरएसएएम एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
- यह मिसाइल हर मौसम में काम करने वाली, अगली पीढ़ी की, त्वरित प्रतिक्रिया वाली मिसाइल है जो सुपरसोनिक समुद्री-स्किमिंग विमान, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और मिसाइलों जैसे खतरों के खिलाफ रक्षा प्रदान करेगी।
- वीएल-एसआरएसएएम का व्यास 178 मिलीमीटर , लंबाई 3,931 मिलीमीटर तथा वजन 170 किलोग्राम है।
- मिसाइल की मारक क्षमता 50 किलोमीटर तक है।
- इस अगली पीढ़ी की मिसाइल में धुआं रहित प्रणोदन प्रणाली है और यह इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेजर्स सुविधाओं से लैस है।
- इस मिसाइल को एकल पल्स रॉकेट मोटर ठोस प्रणोदक द्वारा शक्ति प्रदान की जाती है।
- मिसाइल में एक उच्च -विस्फोटक, पूर्व-निर्मित विखंडन वारहेड लगा हुआ है, जो एक सक्रिय रडार निकटता फ़्यूज़ द्वारा विस्फोटित होता है।
डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन)
- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की स्थापना 1958 में भारत सरकार द्वारा रक्षा मंत्रालय के तहत की गई थी।
- यह प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान है जो देश की रक्षा सेनाओं के लिए हथियार और आयुध विकसित करता है।
- इसका उद्देश्य अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) केअध्यक्ष: डॉ समीर वी कामथ
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फुल फॉर्म
- वीएल-एसआरएसएएम / VL-SRSAM -वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile)
- डीआरडीओ /DRDO : डिफेन्स रिसर्च एंड डिवेलप्मन्ट ऑर्गनिज़ैशन (Defence Research and Development Organisation)