1 जुलाई 2025 को, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के तहत देश के भीतर सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने के लिए एसपीआरईई 2025 (नियोक्ता और कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना) का फिर से शुभारंभ किया है।
एसपीआरईई 2025 फिर से शुभारंभ करने का निर्णय 27 जून 2025 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में आयोजित ईएसआईसी की 196वीं बैठक में लिया गया था। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने की थी।
एसपीआरईई के बारे में
देश में सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने के लिए ईएसआईसी द्वारा एसपीआरईई को 2016 में शुरू किया गया था।
एसपीआरईई 2025 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक खुला रहेगा।
विशेषताएँ
- पात्र अपंजीकृत नियोक्ता कानूनी रूप से अनिवार्य ईएसआई योजना में निरीक्षण या पिछले बकाया की माँग का सामना किए बिना नामांकन कर सकते हैं।
- पंजीकरण ईएसआईसी , श्रम सुविधा और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है।
- यदि वे इस अवधि के दौरान स्वेच्छा से पंजीकरण करते हैं तो उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
ईएसआईसी के बारे में
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की स्थापना 24 फरवरी 1952 को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना को संचालित करने के लिए की गई थी।
ईएसआईसी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के अधीन है।
मुख्यालय: नई दिल्ली
ईएसआई योजना
- ईएसआई योजना भारत की सबसे बड़ी सामाजिक बीमा योजना है जो कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 में उल्लिखित कर्मचारियों को चिकित्सा लाभ प्रदान करती है।
- योजना को आधिकारिक तौर पर 24 फरवरी 1952 को कानपुर और नई दिल्ली में शुभारंभ किया गया था।
- प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कानपुर में इस योजना की शुरुआत की थी।
ईएसआई योजना के लाभ
ईएसआई योजना नामांकित कर्मचारियों को चिकित्सा और नकद दोनों लाभ प्रदान करती है। यह राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना और अटल बीमित कल्याण योजना का भी प्रबंधन करती है।
- चिकित्सा लाभ- बीमित व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों को पूर्ण चिकित्सा देखभाल (प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक) प्रदान किया जाता है।
- बीमारी, मातृत्व और विकलांगता लाभ-कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश, बीमारी या विकलांगता की स्थिति में उनके वेतन का एक निश्चित प्रतिशत नकद के रूप में प्रदान किया जाता है।
राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना
1 अप्रैल 2005 को शुरू की गई।
इसमें ऐसे ईएसआई लाभार्थी को शामिल किया गया है जो कम से कम दो वर्षों से नामांकित है और अपने कारखाने या प्रतिष्ठान के बंद होने के कारण बेरोजगार हो गए हैं , या 40% से कम विकलांगता के साथ स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं ।
लाभ
- उन्हें दो साल तक अपने वेतन का 50% बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।
- दो साल तक चिकित्सा लाभ
- व्यावसायिक कौशल विकास पर होने वाला व्यय ईएसआईसी द्वारा वहन किया जाएगा।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
1 जुलाई 2018 को शुरू की गई।
उन ईएसआई लाभार्थियों के लिए जो बेरोजगार होने से पहले कम से कम एक साल तक नामांकित थे।
बेरोजगार कर्मचारी को 90 दिनों तक की अवधि के लिए वेतन का 50 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान किया जाता है।
ईएसआई योजना के लिए पात्रता?
- यह होटल, रेस्तरां, सिनेमा, समाचार पत्र, निर्माण स्थल की दुकानें, सड़क परिवहन और शैक्षणिक एवं चिकित्सा संस्थानों सहित कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू है, जहाँ 10 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं।
- कुछ राज्यों में, यह 20 या अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाले कारखानों और प्रतिष्ठानों पर लागू होता है।
- 21,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाले श्रमिक इसके अंतर्गत आते हैं।
योजना का वित्तपोषण
- नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही योजना में योगदान करते हैं।
- नियोक्ता का योगदान कर्मचारी के वेतन का 4.75% है।
- कर्मचारी का योगदान वेतन का 1.75% है।
- प्रतिदिन 137 रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अपने हिस्से का अंशदान देने से छूट दी गई है।