प्रति वर्ष 16 दिसंबर को देश में विजय दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस वर्ष देश भर में 53वां विजय दिवस मनाया जा रहा है।
विजय दिवस 2023 का विषय:
वर्ष 2023 के विजय दिवस की थीम/विषय की अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
विजय दिवस का इतिहास:
विजय दिवस, पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा घुसपैठ करने के विरुद्ध 'ऑपरेशन विजय' में भारतीय सशस्त्र बलों के जीत की स्मृति में मनाया जाता है।
पाकिस्तानी सैनिकों ने 3 दिसंबर, 1971 को 11 भारतीय हवाई क्षेत्रों पर हमला किया, जिसे युद्ध करार दिया गया। उस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं।
दोनों देशों के मध्य यह युद्ध मात्र 13 दिनों में समाप्त हो गया जिसे इतिहास के सबसे छोटे युद्धों में से एक माना जाता है।
इस युद्ध के परिणामस्वरूप, बांग्लादेश एक अलग देश के रूप में पाकिस्तान से स्वतन्त्र होकर अस्तित्व में आया।
विजय दिवस का महत्व:
विजय दिवस 2023 पर, भारत सरकार पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती है।
दक्षिणी कमान मुख्यालय द्वारा दक्षिणी स्टार विजय रन 2023, 53वें विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह द्वारा 16 दिसम्बर को हरी झंडी दिखाकर दौड़ को रवाना किया गया।
"सैनिकों के लिए दौड़ें, सैनिकों के साथ दौड़ें" थीम को बढ़ावा देते हुए इस कार्यक्रम में 100 युद्ध दिग्गजों सहित लगभग 50,000 प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है।
दक्षिणी स्टार विजय रन 2023 भारतीय सशस्त्र बलों के घायल सैनिकों और बहादुरों के सम्मान में आयोजित की जाने वाली दौड़ है। यह आयोजन मुख्यतः 1971 के युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम 1971 के ऑपरेशन के शहीदों के प्रति सैनिकों और नागरिकों की संयुक्त एकजुटता का प्रतीक है।
प्रति वर्ष 16 दिसंबर को भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेश द्वारा विजय दिवस/बिजॉय डिबोस के रूप में मनाया जाता है।
1971 के भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि:
1947 में स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान दो अलग-अलग भूभागों में फैला हुआ था जिसमें पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान शामिल थे। इनमें एक बड़ी समस्या दोनों क्षेत्रों के मध्य भौगोलिक संपर्क का न हो पाना था।
इन दोनों क्षेत्रों के मध्य सांस्कृतिक संघर्ष और पूर्वी पाक के प्रशासन की लापरवाही भी एक प्रमुख चुनौती थी।
1960 के दशक के मध्य में शेख मुजीबुर रहमान ने पश्चिमी पाकिस्तान की नीतियों का सक्रिय रूप से विरोध करना आरंभ कर दिया। जिसका दमन करने के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा क्रूरतापूर्ण कार्रवाई की गई। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है।
भारत ने 15 मई, 1971 को, पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध गुरिल्ला युद्ध में लगे मुक्ति बाहिनी सेनानियों की मदद करना आरंभ किया। जिसमें सेनानियों की भर्ती करने, प्रशिक्षण देने, अन्य आपूर्ति और सलाह संबंधी सहयोग प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन जैकपॉट’ आरम्भ किया।
भारत ने पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली मुसलमानों और हिंदुओं को बचाने के लिए 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध करने का निर्णय लिया। जिसे अंततः 16 दिसंबर 1971 को भारत ने मात्र 13 दिनों जीत लिया। इसी उपलक्ष्य में प्रति वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
FAQ
Answer:- प्रति वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
Answer:- भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी सेना पर 16 दिसंबर 1971 की जीत की स्मृति में विजय दिवस मनाया जाता है।
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