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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एमफिल को खत्म करने की अधिसूचना जारी की

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
University Grants Commission (UGC) Releases Notification To Scrap MPhil Education 4 min read

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एक नोटिस जारी कर छात्रों को चेतावनी दी है कि वे एमफिल की डिग्री के लिए किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में दाखिला न लें, क्योंकि अब यह मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके अलावा, आयोग ने विश्वविद्यालयों को एमफिल का कोर्स प्रदान न करने का निर्देश दिया है, और शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए आवेदन प्राप्त करने में भी रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि 2022 में नए कानून के प्रकाशन से पहले प्रदान की गई एमफिल डिग्री मान्य होगी।

एमफिल पर यूजीसी अधिसूचना

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने घोषणा की कि उसे सूचना मिली है कि कई विश्वविद्यालय और कॉलेज  ‘मास्टर ऑफ फिलॉसफी (एमफिल) डिग्री’ के लिए नए आवेदन स्वीकार कर रहे हैं।
  • इसमें यूजीसी ने कहा कि, एमफिल डिग्री अब मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है।
  • घोषणा में यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम 2022 पर जोर दिया गया, जो उच्च शिक्षण संस्थानों को एमफिल कार्यक्रम आयोजित करने से स्पष्ट रूप से मना करता है।
  • यूजीसी ने पहले ही एमफिल डिग्री को अमान्य करार देते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों को एमफिल कोर्स पेश नहीं करने की सलाह दी थी।
  • नोटिस में, विश्वविद्यालयों को तत्काल प्रभाव से शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए एमफिल कार्यक्रम के लिए आवेदन स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया गया है।

एमफिल क्या है?

  • एमफिल मास्टर ऑफ फिलॉसफी का संक्षिप्त रूप है।
  • यह दो वर्षीय स्नातकोत्तर शैक्षणिक अनुसंधान डिग्री कार्यक्रम है।
  • एमफिल काफी हद तक पीएचडी के समान है क्योंकि यह मुख्य रूप से एक शोध-आधारित कार्यक्रम है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बारे में

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना 28 दिसंबर 1953 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा की गई थी। हालांकि यूजीसी को औपचारिक रूप से नवम्बर 1956  में देश मे विश्वविद्यालय शिक्षा के मानकों के समन्वय, निर्धारण और विनियमन के लिए संसद के एक अधिनियम के माध्यम से वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया।
  • यूजीसी शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्य करता है।
  • यह विश्वविद्यालयों, स्वायत्त कॉलेजों और दूरस्थ शिक्षा संस्थानों की मान्यता, प्रबंधन और मानकों का विनियमन और निर्धारण करता है।
  • यूजीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • यूजीसी के छह क्षेत्रीय कार्यालय हैं:
    • बेंगलुरु
    • भोपाल
    • गुवाहाटी
    • हैदराबाद
    • कोलकाता
    • पुणे

यूजीसी के कार्य

  • भारतीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) भारत सरकार द्वारा स्थापित शिक्षा मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
  • विभिन्न पहलों और योजनाओं के तहत, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिकृत सहायता प्रक्रिया के अनुसार पात्र कॉलेजों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • सितंबर 1994 में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए बैंगलोर में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) की स्थापना की।

FAQ

उत्तर. यूजीसी का पूरा नाम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग है।

उत्तर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना 1953 में हुई थी।

उत्तर. यूजीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

उत्तर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।

उत्तर. यूजीसी, नवम्बर 1956 से संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के बाद से वैधानिक संस्था के रूप में कार्य करना आरंभ किया।
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