उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, 8 जुलाई 2025 को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसवीपीयूएटी), मेरठ में उत्तर प्रदेश एग्रीटेक इनोवेशन हब और एग्रीटेक स्टार्टअप एवं टेक्नोलॉजी शोकेस का उद्घाटन किया गया।
इनोवेशन हब के द्वारा राज्य के किसानों की वास्तविक जरूरतों के हिसाब से तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने की उम्मीद है, जिससे न केवल उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि टिकाऊ खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
एग्रीटेक इनोवेशन हब का उद्घाटन किसने किया?
उत्तर प्रदेश एग्रीटेक इनोवेशन हब और एग्रीटेक स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी शोकेस का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने संयुक्त रूप से किया।
एग्रीटेक क्या है?
- एग्रीटेक, कृषि प्रौद्योगिकी का संक्षिप्त रूप है, जो सटीक खेती के साथ किसानों की दक्षता और उत्पादकता में सुधार करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।
- एग्रीटेक में कृषि उत्पादकता और स्थिरता में सुधार करने के लिए मिट्टी की स्थिति, मौसम के पैटर्न आदि पर डेटा के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और बायोटेक को मिलाकर डेटा प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है।
- सटीक खेती में डेटा एनालिटिक्स, सेंसर का उपयोग किया जाता है, जिससे किसानों को अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की सही मात्रा का उपयोग करने में मदद मिलती है।
- इससे पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की इस्तेमाल में कमी आती है और इससे टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलता है।
आईआईटी रोपड़ का योगदान
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रोपड़ को केंद्र सरकार द्वारा उत्कृष्टता केंद्र के रूप में "कृषि में एआई" पर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग आदि जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा सके।
- इस उद्देश्य के लिए आईआईटी रोपड़ ने एसवीपीयूएटी, मेरठ के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि एसवीयूपीएटी में एग्रीटेक इनोवेशन हब और एग्रीटेक स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी शोकेस की स्थापना की जा सके।
- आईआईटी रोपड़ अपने साइबर-फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) लैब से घटकों का योगदान देगा - जिसमें इनोवेशन हब के लिए IoT सेंसर, ऑटोमेशन सिस्टम और क्लाउड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
यूपी एग्रीटेक इनोवेशन हब और टेक शोकेस की भूमिका
- यह स्थानीय किसानों, कृषि स्टार्टअप, विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की भागीदारी के साथ एग्रीटेक क्षेत्र के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगा।
- यह एग्रीटेक के लिए आवश्यक सभी तकनीकों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सक्षम सेंसर, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली और स्वचालन तकनीकों से लैस है।
- सटीक खेती को बढ़ावा देने के लिए हब में वास्तविक समय की निगरानी और निर्णय लेने के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स से लैस है।
- कृषि स्टार्टअप सटीक खेती पर ध्यान केंद्रित करेंगे और किसानों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए तकनीक का निर्माण करेंगे।
- हब व्यापक प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा और किसानों, कृषि विज्ञान केंद्रों, किसान उत्पादक संगठनों जैसे अन्य हितधारकों के साथ अपने ज्ञान को साझा करेगा।