देश में कार्डियो मेटाबोलिक बीमारी पर शोध के लिए डेटा बैंक विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नई दिल्ली में अत्याधुनिक फेनोम इंडिया ‘नेशनल बायोबैंक’ का उद्घाटन किया गया। राष्ट्रीय बायोबैंक का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया।
बायोबैंक की स्थापना वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की अनुदैर्ध्य स्वास्थ्य निगरानी परियोजना, फेनोम इंडिया-सीएसआईआर हेल्थ कोहोर्ट नॉलेजबेस (पीआई-चेक) के तहत की गई है।
सीएसआईआर ने भारतीय आबादी में गैर-संचारी (कार्डियो-मेटाबोलिक) रोगों के जोखिम कारकों का आकलन करने के लिए 7 दिसंबर 2023 को प्रोजेक्ट पीआई-चेक शुरू किया है।
कार्डियो मेटाबोलिक रोग एक परस्पर जुड़े स्वास्थ्य विकार को संदर्भित करता है जिसमें चयापचय संबंधी रोग जैसे मोटापा और टाइप 2 मधुमेह के साथ-साथ हृदय रोग और यकृत रोग शामिल हैं।
ये मूल रूप से जीवनशैली और आनुवंशिक रोग हैं।
भारत में कार्डियो-मेटाबोलिक रोगों की संख्या दुनिया में सबसे ज़्यादा में से एक है।
भारत में कार्डियो मेटाबोलिक रोग की इतनी अधिक दर के होने का कारण अभी तक ज्ञात नहीं है।
वर्तमान में भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली कार्डियो मेटाबोलिक रोग के प्रबंधन और उपचार के लिए यूरोपीय और अमेरिकी आबादी पर किए गए अध्ययनों का उपयोग करती है।
भारत में कई लोगों का मानना है कि भारतीय आबादी की आनुवंशिक बनावट, आहार संबंधी आदतें, जीवनशैली पैटर्न यूरोपीय और अमेरिकियों से अलग हैं और इसलिए उनका डेटा भारतीयों के लिए उपयुक्त नहीं है।
परियोजना का उद्देश्य
जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान (आईजीआईबी) नई दिल्ली में स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का एक प्रमुख संस्थान है।
यह आणविक चिकित्सा, जीनोमिक्स, श्वसन रोग जीव विज्ञान, जैव सूचना विज्ञान, प्रोटिओमिक्स और पर्यावरण जैव प्रौद्योगिकी के अनुसंधान में लगा हुआ है।
इसका मुख्य उद्देश्य बुनियादी जैविक अनुसंधान अवधारणाओं को स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों में बदलना है।