राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में डूरंड कप के विजेता को प्रदान की जाने वाली तीन डूरंड कप ट्रॉफियों - डूरंड कप, शिमला ट्रॉफी और प्रेसिडेंट्स कप - का अनावरण किया और उन्हें झंडी दिखाई।
इसके साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे पुरानी और एशिया की सबसे पुरानी क्लब आधारित फुटबॉल प्रतियोगिता - डूरंड कप- की शुरुआत को चिह्नित किया।
इंग्लैंड में आयोजित होने वाला एफए कप दुनिया का सबसे पुरानी क्लब आधारित फुटबॉल प्रतियोगिता है।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह, चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी मौजूद थे। डूरंड कप आयोजन समिति के संरक्षक लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, भारतीय सेना की पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
गुवाहाटी स्थित नॉर्थईस्ट यूनाइटेड फुटबॉल क्लब गत चैंपियन है, जिसने मोहन बागान सुपर जायंट (एमबीएसजी) को फाइनल में हराकर डूरंड कप का 133वां संस्करण 2024जीता।
डूरंड कप का 134वां संस्करण 23 जुलाई से 23 अगस्त 2025 तक छह स्थानों पर पांच राज्यों - पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, मेघालय और मणिपुर में आयोजित किया जाएगा।
यह पहली बार है कि डूरंड कप भारत के पांच राज्यों में आयोजित किया जा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के बाद तीनों ट्रॉफियां अब मेजबान राज्यों के विभिन्न शहरों का दौरा करेंगी।
टीमें
स्वतंत्रता से पहले डूरंड कप का आयोजन ब्रिटिश सेना द्वारा किया जाता था और पहला डूरंड कप 1888 में शिमला में आयोजित किया गया था।
स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना को डूरंड कप के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई थी।
2013 तक यह प्रतियोगिता दिल्ली में आयोजित जाता था और 2014-2018 तक यह गोवा में आयोजित किया गया था।
2019 से, डूरंड कप कोलकाताऔर अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में आयोजित किया जा रहा है।
2019 से, डूरंड कप का आयोजन अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफ़एफ़) के तत्वावधान में भारतीय सेना की पूर्वी कमान द्वारा किया जाता है।
डूरंड कप प्रतियोगिता के विजेता को तीन ट्रॉफी दी जाती हैं: डूरंड कप, शिमला ट्रॉफी और प्रेसिडेंट कप।
डूरंड कप का नाम ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव मोर्टिमर डूरंड के नाम पर रखा गया है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा का नाम उनके नाम पर डूरंड लाइन रखा गया है।
डूरंड कप जीतने वाला पहली भारतीय क्लब- 1940 में मोहम्मडन स्पोर्टिंग।
सबसे सफल टीम - मोहन बागान सुपरजायंट, 17 खिताब।
ईस्ट बंगाल ने इसे 16 बार जीता है।
कप जीतने वाली सशस्त्र बलों की आखिरी टीम- आर्मी ग्रीन 2016 में थी।
कप जीतने वाली आखिरी आई-लीग टीम- 2019 में गोकुलम केरला
133वें संस्करण की विजेता टीम - नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी