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विश्व बैंक के गिनी सूचकांक पर 25.5 अंक के साथ भारत विश्व का चौथा सबसे समान देश

Utkarsh Classes Last Updated 06-07-2025
WB Ranks India 4th Most Equal Country Globally with Gini Index of 25.5 Report 6 min read

विश्व बैंक के अनुसार, 2022 में गिनी सूचकांक पर 25.5 अंक के साथ भारत धन के मामले में दुनिया का चौथा सबसे समान समाज है। स्लोवाक गणराज्य, 24.1अंक के साथ दुनिया में सबसे कम असमान देश है, जबकि दक्षिण अफ्रीका 63.0 के अंक के साथ दुनिया का सबसे असमान देश है। 

गिनी सूचकांक पर भारत के कम अंक का श्रेय सरकार के गरीबी उन्मूलन और गरीबों और वंचितों के लिए लक्षित कल्याण योजना पर ध्यान केंद्रित करने को दिया गया है। 

भारत की इस उल्लेखनीय उपलब्धि को विश्व बैंक की "स्प्रिंग 2025 गरीबी और इक्विटी ब्रीफ" रिपोर्ट में उजागर किया गया था।

नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद पर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

गिनी सूचकांक क्या है?

  • गिन्नी सूचकांक 1912 में इतालवी सांख्यिकीविद् कोराडो गिन्नी द्वारा विकसित किया गया था। यह सूचकांक किसी देश की जनसंख्या में आय वितरण/धन वितरण को मापकर आय असमानता के स्तर को निर्धारित करता है।
  • गिनी सूचकांक का गुणांक 0 (0%) से 1 (100%) तक होता है, जिसमें 0 समाज में पूर्ण समानताओं का प्रतिनिधित्व करता है और 1 समाज में पूर्ण असमानताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
  • बढ़ता गिनी सूचकांक अंक देश में बढ़ती आय असमानता को दर्शाता है।

भारत का प्रदर्शन

विश्व बैंक के अनुसार, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे कम आय असमानता वाला देश है।

  • गिनी सूचकांक पर भारत का अंक 2011 में 28.8 से घटकर 2022 में 25.5 हो गया।
  • भारत का अंक, चीन (35.7), जर्मनी (31.4), यूनाइटेड किंगडम (34.4) और संयुक्त राज्य अमेरिका (41.8) से बेहतर है।
  • 167 देशों में से, भारत को “मध्यम रूप से कम” असमानता श्रेणी में रखा गया है।

गिनी सूचकांक पर भारत के कम अंक का कारण

गिनी सूचकांक पर कम अंक  यह दर्शाता है कि देश में गरीबों के पक्ष में धन का पुनर्वितरण हुआ है।

गरीबी कम करने में सरकार के केंद्रित हस्तक्षेप और प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, आयुष्मान भारत योजना आदि जैसे लक्षित कल्याण कार्यक्रमों ने देश में धन के पुनर्वितरण और असमानता को कम करने में मदद की है।

विश्व बैंक ने अपनी "स्प्रिंग 2025 गरीबी और इक्विटी ब्रीफ" रिपोर्ट में इसे स्वीकार किया है।

रिपोर्ट के अनुसार:

  • 2011 से 2023 के बीच 17.1 करोड़ या 171 मिलियन भारतीयों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया। 
  • देश में अत्यधिक गरीबी 2011-12 में 16.2% से घटकर 2023 में 2.3% हो गई। प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम कमाने वाले लोगों को अत्यधिक गरीब कहा जाता है। 
  • विश्व बैंक की अत्यधिक गरीबी रेखा की संशोधित परिभाषा $3.00 प्रतिदिन के अनुसार, 2022-23 में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली भारतीय आबादी 5.3% थी।

विश्व बैंक के गिनी सूचकांक के बारे में

विश्व बैंक के गिनी सूचकांक ने देशों को पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत किया है - कम समानता, मध्यम रूप से कम असमानता, मध्यम रूप से उच्च असमानता, अत्यधिक असमान और बहुत अधिक असमानता।

कम समानता - (3 देश) गिनी अंक 24.5 तक

  1. स्लोवाक गणराज्य - 24.1
  2. स्लोवेनिया- 24.3
  3. बेलारूस - 24.4

मध्यम रूप से कम असमानता (30 देश), गिनी अंक - 25.5 से 29.9 तक

  • भारत चौथे स्थान पर है और इसमें यूक्रेन, यूएई, फिनलैंड, नॉर्वे आदि देश भी शामिल हैं।

मध्यम रूप से उच्च असमानता: (87 देश), गिनी अंक  -30.0 से 39.9 तक

  • इसमें यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन, फ्रांस, बांग्लादेश, इटली आदि शामिल हैं।

अत्यधिक असमान- (32 देश), गिनी अंक - 40.1 से 44.9 तक 

  • इसमें तुर्की, घाना, अर्जेंटीना, संयुक्त राज्य अमेरिका, पेरू आदि देश शामिल हैं

बहुत अधिक असमानता (19 देश), गिनी अंक -45.1 से 63 तक 

  • इसमें गुयाना, नामीबिया, ब्राजील, जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका सबसे नीचे हैं।

FAQ

उत्तर: 2022 में गिनी इंडेक्स पर 25.5 अंक के साथ चौथा। स्लोवाक गणराज्य में सबसे कम आय असमानता है, उसके बाद स्लोवेनिया और बेलारूस हैं।

उत्तर: 63.0 के स्कोर के साथ दक्षिण अफ्रीका

उत्तर: मध्यम रूप से कम असमानता

उत्तर: विश्व बैंक
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