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केंद्रीय बजट 2025-26: मुख्य विशेषताएं

Utkarsh Classes Last Updated 03-02-2025
Union Budget 2025-26: Main Highlights Union Budget 21 min read

केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को लोकसभा में अपना लगातार आठवां बजट पेश किया। 

31 मई 2019 को निर्मला सीतारमण को केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया था ।

उनके नाम लगातार आठ बार केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। मोरारजी देसाई के नाम 1959 से 1963 और फिर 1967 से 1969 तक दस बार केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।

2025-26 के केंद्रीय बजट की मुख्य बिन्दु निम्नलिखित हैं।

जीडीपी विकास दर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पहले अनुमान के मुताबिक 2024-25 में देश के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की  वृद्धि दर 6.4 फीसदी थी जबकि नाममात्र  जीडीपी की विकास दर 9.7 प्रतिशत थी।

भारतीय अर्थव्यवस्था के चार इंजन

केंद्रीय मंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था के - कृषि, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), निवेश और निर्यात क्षेत्र - को चार इंजनों के रूप में की पहचान की है।

केंद्रीय बजट 2025-26 का विषय 

वित्त मंत्री के अनुसार, बजट का विषय 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करना है। सरकार ने विकसित भारत के इस लक्ष्य के लिए निम्नलिखित को उप लक्ष्य के रूप में पहचान किया है।

  • शून्य-गरीबी;
  • 100% अच्छी गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा; 
  • उच्च गुणवत्ता वाली, किफायती और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच;
  • सार्थक रोजगार के साथ सौ फीसदी कुशल श्रम;
  • आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी; और
  • किसान जो हमारे देश को 'दुनिया की खाद्य टोकरी' बना रहे हैं।

छह क्षेत्रों में सुधार पर ध्यान 

बजट में छह क्षेत्रों में सुधार का लक्ष्य रखा गया है;

  • कर;
  • विद्युत क्षेत्र;
  • शहरी विकास;
  • खनन;
  • वित्तीय क्षेत्र; और
  • विनियामक सुधार.

प्रथम इंजन के रूप में कृषि 

कृषि को विकास के पहले इंजन के रूप में पहचाना गया है।

  • 2024-25 में 1.32 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2025-26 के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
  • प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पिछले वर्ष के समान 63,500 करोड़ रुपये), प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (वित्तीय वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान में 15,864 करोड़ रुपये की तुलना में 2025-26 में 12,242.27 करोड़ रुपये) के लिए आवंटन।

प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना - कृषि जिलों का विकास कार्यक्रम

  • केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ साझेदारी में इस नई योजना को  शुरू की जाएगी।
  • कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिलों में इसे लागू किया जाएगा। 

उद्देश्य

  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना ,
  • फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना,
  • पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता को बढ़ाना, 
  • सिंचाई सुविधाओं में सुधार, और 
  • लगभग 1.7 करोड़ किसानों की मदद के लिए किसानों को दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता।

दालों में आत्मनिर्भरता  

  • तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ 6 साल का "दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए मिशन" शुरू  किया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड

  • मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।

अधिक उपज देने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन

  • यह केंद्र सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली एक नई योजना होगी।

उद्देश्य 

  • अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, 
  • उच्च उपज, कीट प्रतिरोधी  और जलवायु लचीलेपन वाले बीजों का लक्षित विकास और प्रसार, और 
  • जुलाई 2024 से जारी 100 से अधिक बीज किस्मों की व्यावसायिक उपलब्धता कराना।

कपास उत्पादकता के लिए मिशन

  • कपास उत्पादकता के लिए 5-वर्षीय मिशन शुरू किया जाएगा।
  • उद्देश्य - कपास की खेती की उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाना, और अतिरिक्त-लंबे रेशेदार कपास की किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देना।

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई

  • संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दिए जाने वाले अल्पावधि ऋण को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा।

नामरूप, असम में नया यूरिया संयंत्र

  • असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

दूसरे इंजन के रूप में एमएसएमई

भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का योगदान

  • देश में 1 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) हैं, जो 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं, विनिर्माण क्षेत्र में इसका योगदान 36% और निर्यात में 45% है।

बजट घोषणा

  • एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव का प्रस्ताव।
  • उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड की शुरूआत। प्रथम वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किये जायेंगे।
  • एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 
  • स्टार्ट-अप के लिए, आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 27 फोकस क्षेत्रों में ऋण के लिए 1 प्रतिशत की मध्यम गारंटी शुल्क के साथ गारंटी कवर 10 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 20 करोड़ रुपये हो गया है।

पहली बार उद्यमियों के लिए योजना

  • पहली बार महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिए एक नई स्टार्ट अप योजना शुरू की जाएगी।

लक्ष्य

  • 5 लाख उद्यमियों को लक्षित  किया जाएगा।
  • उद्यमियों को अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण प्रदान किया जाएगा।

बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान

  • पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जाएगी।

राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन 

  • सरकार की "मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ाने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों पर केंद्रित कर राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू किया जाएगा।
  • इस मिशन के तहत ,मिशन क्लीन टेक बी शुरू किया जाएगा जो देश में विनिर्माण का समर्थन करेगा ताकि घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार किया जा सके और सौर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटर और नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइज़र, पवन टर्बाइन आदि के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके।

तीसरे इंजन के रूप में निवेश

अटल टिंकरिंग लैब्स

  • अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में पचास हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी।

सरकारी स्कूलों और पीएचसी को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी

  • ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भारतनेट परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी होगी।

भारतीय भाषा पुस्तक योजना

  • सरकार स्कूली और उच्च शिक्षा के लिए डिजिटल रूप में भारतीय भाषा की किताबें उपलब्ध कराने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू करेगी।

कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र

  • भारतीय युवाओं को "मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड" विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल में कुशल बनाने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

शिक्षा के लिए एआई में उत्कृष्टता केंद्र

  • सरकार 500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी।

चिकित्सा शिक्षा का विस्तार

  • 2025-26 में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में लक्ष्य -10,000 अतिरिक्त सीटें।
  • अगले 5 साल में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य।

सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र 

  • अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 
  • लक्ष्य- 2025-26 में 200 केंद्र  स्थापित किए जाएंगे।

पीएम स्वनिधि

  •  योजना में शामिल स्ट्रीट वेंडरों के लिए 30,000 रुपये की सीमा वाले यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड शुरू  किए जाएंगे।

पीएम जन आरोग्य योजना में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर शामिल

  • पीएम जन आरोग्य योजना में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के गिग वर्कर्स को शामिल किया जाएगा.

बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को सहायता 

  • केंद्र राज्यों को पूंजीगत व्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन के लिए 50 वर्षों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगा।

जल जीवन मिशन

  • प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पाइप से पानी उपलब्ध कराने के मिशन को 2028 तक बढ़ा दिया गया है।
  • 2025-26 के लिए परिव्यय- 67,000 करोड़ रुपये।

शहरी चुनौती कोष

  • 'शहरों को विकास केंद्रों के रूप में', 'शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास' और 'जल और स्वच्छता' पहल को लागू करने के लिए शहरी चुनौती कोष की स्थापना की जाएगी।
  • निधि  - 1 लाख करोड़ रुपये।
  • 2025-26 के लिए आवंटन- 10,000 करोड़ रुपये।
  • इन पहलों के तहत यह फंड परियोजना लागत का 25% तक वित्त पोषण करेगा।

विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन

  • 2047 तक 100 गीगावॉट स्थापित परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य।
  • छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान एवं विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू किया जाएगा।
  • लक्ष्य- 2033 तक 5 स्वदेशी रूप से विकसित रिएक्टरों का निर्माण और संचालन।
  • परिव्यय- 20,000 करोड़ रुपये.

समुद्री विकास निधि

  • समुद्री क्षेत्र को समर्थन देने के लिए समुद्री विकास कोष स्थापित किया जाएगा।
  • निधि  - 25,000 करोड़ रुपये.
  • केंद्र का योगदान- 49% और बाकी 51 % बंदरगाहों और निजी क्षेत्र द्वारा किया जाएगा।

स्वामी निधि 2

  • अफोर्डेबल और मिड-इनकम हाउसिंग (स्वामी) निधि 2 के शुरू की जाएगी।
  • निधि -केंद्र सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान से 15,000 करोड़ रुपये।
  • लक्ष्य- 1 लाख मकानों का निर्माण पूरा करना। 
  • इसके तहत किफायती और मध्यम आय वाले आवास क्षेत्र की उन परियोजनाओं को वित्त पोषण की सुविधा प्रदान की जाती है जो बिल्डरों के दिवालियापन के कारण पूरी नहीं हो सकीं।

पीएम रिसर्च फेलोशिप

  • लक्ष्य - आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु में तकनीकी अनुसंधान के लिए अगले पांच वर्षों में दस हजार फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।

ज्ञान भारतम मिशन और राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी

  • शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्राहकों के साथ पांडुलिपि विरासत के सर्वेक्षण, दस्तावेज़ीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शुरू किया जाएगा।
  • इसमें 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियां शामिल होंगी।
  • सरकार ज्ञान साझा करने के लिए भारतीय ज्ञान प्रणालियों का राष्ट्रीय डिजिटल भंडार लॉन्च करेगी।

चौथे इंजन के रूप में निर्यात 

निर्यात संवर्धन मिशन

  • निर्यात संवर्धन मिशन ,केंद्रीय वाणिज्य, एमएसएमई और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया जाएगा। 
  • यह निर्यात ऋण तक आसान पहुंच, सीमा पार फैक्टरिंग समर्थन और विदेशी बाजारों में गैर-टैरिफ उपायों से निपटने के लिए एमएसएमई को समर्थन की सुविधा प्रदान करेगा।

भारतट्रेडनेट

  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, 'भारतट्रेडनेट' (बीटीएन) को व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण समाधान के लिए एक एकीकृत मंच के रूप में स्थापित किया जाएगा।

वित्तीय क्षेत्र में सुधार

बीमा क्षेत्र में एफडीआई

  • भारत में संपूर्ण प्रीमियम निवेश करने वाली विदेशी बीमा कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश)सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी।

ग्रामीण क्रेडिट स्कोर

  •  सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 'ग्रामीण क्रेडिट स्कोर' ढांचा विकसित करेंगे।

विनियामक सुधारों के लिए उच्च स्तरीय समिति

  • सरकार सभी गैर-वित्तीय क्षेत्र के नियमों, प्रमाणपत्रों, लाइसेंसों और अनुमतियों की समीक्षा के लिए नियामक सुधारों के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन करेगी। 

राज्यों का निवेश अनुकूलता सूचकांक

  • प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार 2025 में राज्यों का निवेश मित्रता सूचकांक लॉन्च करेगी।

जन विश्वास बिल 2.0

  • सरकार 100 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराधमुक्त करने के लिए जन विश्वास अधिनियम 2.0 लाएगी।
  • पहला जन विश्वास अधिनियम 2023 में पेश किया गया था जिसके तहत 180 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया गया था।

केंद्र सरकार वित्त 2025-26

सरकार द्वारा करों और गैर-कर स्रोतों तथा उधार के माध्यम से प्राप्त धन को रसीदें कहा जाता है।

संशोधित अनुमान 2024-25 के अनुसार केंद्र सरकार के  वित्त की स्थिति

  • उधार के अलावा कुल प्राप्तियां- 31.47 लाख करोड़ रुपये।
  • शुद्ध कर प्राप्ति (करों में राज्यों का हिस्सा देने के बाद) 25.57 लाख करोड़ रुपये थी। 

संशोधित व्यय अनुमान - ₹47.16 लाख करोड़।

  • राजस्व व्यय - 36.98 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 11.4 प्रतिशत)
  • पूंजीगत व्यय- 10.18 लाख करोड़ रुपये

बजट अनुमान 2025-26

कुल व्यय - 50.65 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 14.2 प्रतिशत)।

  • राजस्व व्यय - 39.44 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 11.0 प्रतिशत)
  • पूंजीगत व्यय - 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) 

उधार के अलावा कुल प्राप्तियां 34.96 लाख करोड़ रुपये.

  • राजस्व प्राप्ति - 34.20 लाख करोड़ रुपये
  • शुद्ध कर प्राप्ति  - 28.37 लाख करोड़ रुपये।
  • गैर कर प्राप्ति - 5.83 लाख करोड़ रुपये।
  • गैर ऋण पूंजीगत प्राप्ति  - `76,000 करोड़ रुपये (इसमें ऋण की वसूली, केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त लाभांश आदि शामिल हैं)

2025-26 में उधार

  • दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार - 14.82 लाख करोड़ रुपये (या सकल घरेलू उत्पाद का 4.2 प्रतिशत)।
  • एनएसएसएफ के माध्यम से सकल उधार- 3.43 लाख करोड़ रुपये।
  • विदेशों से उधार - 23,490 करोड़ रुपये।
  • राज्य भविष्य निधि के माध्यम से शुद्ध उधार - 5000 करोड़ रुपये।

भारत सरकार के घाटे 

 सभी आंकड़े बाजार मूल्यों पर भारत के सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में हैं।

 

2024-25 के लिए संशोधित अनुमान (जीडीपी का %) 

2025-26 का लक्ष्य (जीडीपी का %)

राजकोषीय घाटा 

4.8% या 15.70 लाख करोड़ रु

4.4 फीसदी या 15.69 लाख करोड़ रुपये)

राजस्व घाटा 

1.9

1.5 

प्राथमिक घाटा 

1.3

0.8

कर राजस्व (सकल)

11.9

12.0

गैर कर राजस्व

1.6

1.6

केंद्र सरकार का कर्ज 

57.1

56.1

कराधान प्रस्ताव 

इस बार के बजट  में सरकार द्वारा दिये गए करों में रियायत से सरकार को राजस्व हानि 

  • प्रत्यक्ष कर हानि- 1 लाख करोड़ रुपये।।
  • अप्रत्यक्ष कर - 2600 करोड़ रुपये।

प्रत्यक्ष कर प्रस्ताव 

-सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं।

-वेतनभोगी व्यक्ति को 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रति वर्ष 12.75 लाख रुपये तक की आय पर आयकर नहीं देना होगा। 

स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस)

  • यदि वरिष्ठ नागरिक की वार्षिक ब्याज की आय एक लाख रुपये या अधिक (मौजूदा 50,000 रुपये) है तो टीडीएस ब्याज आय पर लागू होगा।
  • किराये की आम्दानी पर टीडीएस तब लागू होगा जब किराये से वार्षिक आय 6 लाख रुपये प्रति वर्ष (वर्तमान में यह 2.40 लाख रुपये है) या उससे ज़्यादा है।

स्रोत पर एकत्रित कर (टीसीएस)

  • टीसीएस, अब आरबीआई की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत प्रेषण (विदेश भेजे गए धन) किए गए  राशि 10 लाख रुपये या अधिक है (पहले 7 लाख रुपये या अधिक)।
  • शिक्षा प्रयोजन के लिए भेजे गए प्रेषण पर कोई टीसीएस नहीं।
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