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यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल हुआ ‘गरबा’ नृत्य

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
UNESCO Adds Gujrat’s 'Garba' Dance To Intangible Cultural Heritage List Art and Culture 5 min read

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ने गुजरात के पारंपरिक ‘गरबा’ नृत्य को अपनी सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही ‘गरबा’ नृत्य यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत का दर्जा प्राप्त करने वाला भारत की 15वीं विरासत है। 

यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति की 18वीं बैठक: 

  • 5 दिसंबर 2023 को दक्षिण अफ्रीकी देश बोत्सवाना में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए बनाई गई यूनेस्को की अंतर सरकारी समिति की 18वीं बैठक आयोजित की गई। 
  • इस दौरान अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की सुरक्षा के लिए 2003 कन्वेंशन के तहत गरबा नृत्य को यूनेस्को की सूची में शामिल करने की घोषणा की गई।

‘गरबा’ नृत्य: 

  • भारत में नौ दिवसीय हिंदू त्योहार, नवरात्रि के दौरान पूरे गुजरात और देश के कई अन्य हिस्सों में लोकप्रिय गरबा नृत्य को यूनेस्को की सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया गया था।
  • समावेश एक एकीकृत शक्ति के रूप में गरबा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। गरबा सामाजिक और लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देता है।
  • यह महिलाओं द्वारा एक मिट्टी के बर्तन को सर पर रखकर चारों ओर किया जाने वाला नृत्य है जिसे "गरबा" कहा जाता है, जो पानी से भरा होता है।
  • इन मिट्टी के बर्तनों को गरबा कहा जाता है। घड़े के अंदर सुपारी और चांदी के सिक्के आदि रखे जाते हैं, जिसे कुंभ (मिट्टी का घड़ा) कहा जाता है। इसके ऊपर नारियल रखा जाता है.
  • नृत्य करने वाली महिलाएँ अपने सिर पर बर्तन लेकर एक घेरे में घूमती हैं और एक गायक और ढोलक या तबला बजाने वाला व्यक्ति संगीत प्रदान करता है।
  • परंपरागत रूप से, 'गरबा' की उत्पत्ति गर्भदीप नामक दीपक से मानी जाती है, जिसका अर्थ है बर्तन के अंदर रखा हुआ दीपक।
  • यूनेस्को ने स्वीकार किया कि एक नृत्य शैली के रूप में गरबा अनुष्ठान और भक्ति में गहराई से निहित है और सामाजिक-आर्थिक, लिंग और धार्मिक बाधाओं को पार करते हुए सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है।

यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल भारत की अन्य अमूर्त सांस्कृतिक विरासत:

क्रम

विरासत

राज्य 

वर्ष 

1

कुटियाट्टम, संस्कृत रंगमंच

केरल 

2008 

2

वैदिक जप की परंपरा

भारत 

2008 

3

रामलीला, रामलीला का प्रदर्शन 

भारत

2008 

रम्माण, भारत के गढ़वाल हिमालय का धार्मिक त्योहार और अनुष्ठान रंगमंच 

उत्तराखंड 

2009

छऊ नृत्य

प. बंगाल, झारखंड, ओडिशा  

2010 

6

कालबेलिया

राजस्थान

2010 

7

मुदियेट्टू 

केरल

2010 

8

लद्दाख का बौद्ध जप

लद्दाख, जम्मू-कश्मीर

2012 

9

संकीर्तन (गायन, ढोल बजाना और नृत्य)

मणिपुर

2013 

10 

जंडियाला गुरु, बर्तन बनाने का पारंपरिक पीतल और तांबे का शिल्प

पंजाब

2014 

11 

नवरोज 

 

2016 

12

योग 

 

2016 

13 

कुम्भ मेला 

 

2017 

14 

दुर्गा पूजा 

प. बंगाल 

2021 

15 

गरबा नृत्य 

गुजरात 

2023 

 

भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 42 मूर्त विरासत धरोहर स्थल हैं जिसमें 34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं; और 15 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें हैं।

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को): 

  • यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। यह वैश्विक स्तर पर शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का  प्रयास करती है। 
  • शैक्षिक और सांस्कृतिक संगठन की स्थापना के लिए नवंबर 1945 में लंदन में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया था।
  • इस सम्मेलन के अंत में 16 नवंबर, 1945 को यूनेस्को की स्थापना की गई थी। 
  • यूनेस्को के जनरल कॉन्फ्रेंस के प्रथम सत्र वर्ष 1946 में नवंबर-दिसंबर के दौरान पेरिस (मुख्यालय) में आयोजित किया गया था।
  • यूनेस्को, विभिन्न देशों के सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्त्व के स्थलों को आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है। 

FAQ

Answer:- ‘गरबा’ नृत्य

Answer:- ‘गरबा’ नृत्य यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत का दर्जा प्राप्त करने वाला भारत की 15वीं विरासत है।

Answer:- यूनेस्को की 18वीं बैठक, बोत्सवाना में ‘गरबा’ नृत्य को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया।

Answer:- नवरात्रि के अवसर पर

Answer:- गुजरात
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