राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 19 मार्च 2024 को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उप-राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा।
तमिलिसाई सुंदरराजन ने 18 मार्च 2024 को तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उप-राज्यपाल पद से इस्तीफा देते हुए अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति को सौंप दिया था। बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुंदरराजन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और सीपी राधाकृष्णन को अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया।
2019 में तेलंगाना का राज्यपाल बनने से पहले तमिलिसाई सुंदरराजन को पांच साल के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था ।
सुंदरराजन को नवंबर 2019 में तेलंगाना का राज्यपाल बनाया गया और बाद में उन्हें पुडुचेरी के उप-राज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया था ।
उन्होंने 2019 में पिछला लोकसभा चुनाव थूथुकुडी से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था, लेकिन द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की कनिमोझी से हार गईं।
तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से 7 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को सभी 39 निर्वाचन क्षेत्रों में होगा।
2019 के चुनावों में, डीएमके के नेतृत्व वाले सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस ने राज्य की सभी 39 सीटें जीतीं थीं ।
राज्यपाल की नियुक्ति एवं कार्यकाल
राज्यपाल बनने के लिए योग्यता
किसी राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाले व्यक्ति के पास निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए। वे :
एक व्यक्ति को एक से अधिक बार राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।