वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की वार्षिक बैठक 10 जून 2025 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आयोजित की गई। यह एफएसडीसी की 29वीं बैठक थी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की।
इस बैठक में वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर, संजय मल्होत्रा, जो एफएसडीसी की उप-समिति के अध्यक्ष की भी है ,तथा विभिन्न वित्तीय क्षेत्र नियामकों के प्रमुखों ने भाग लिया।
मुंबई बैठक में एफएसडीसी द्वारा चर्चा किए गए मुद्दे
एफएसडीसी ने भारत की वृहद वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों पर चर्चा की।
उन्होंने निम्नलिखित मुद्दों पर भी चर्चा की:
- वित्तीय विनियामकों द्वारा उनके द्वारा बनाए गए विनियमों की जवाबदेही का मूल्यांकन करने और उसे बढ़ाने के लिए एक उपयुक्त ढांचे की स्थापना करना,
- वित्तीय क्षेत्र (बैंक, डाकघर खाते, लाभांश, शेयर, बीमा और पेंशन फंड, आदि) में दावा न की गई संपत्तियों को कम करने और सही मालिकों को ऐसी संपत्तियों की वापसी के लिए वित्तीय नियामकों द्वारा उठाए गए कदम,
- सामान्य केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) मानदंड, केवाईसी प्रक्रिया का सरलीकरण और डिजिटलीकरण, भारतीय प्रतिभूति बाजार में भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) और प्रवासी भारतीय नागरिकों (ओसीआई) सहित अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की डिजिटल ऑनबोर्डिंग के उपायों पर चर्चा,
- फैक्टरिंग सेवाओं की पहुंच और दायरे में सुधार करना और अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क का प्रभावी ढंग से उपयोग करना।
29वीं एफएसडीसी बैठक के प्रतिभागी
इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री, मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और विभिन्न वित्तीय क्षेत्र नियामकों के प्रमुख शामिल हुए।
मंत्री
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- एफएसडीसी की अध्यक्ष
- पंकज चौधरी- केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री
मंत्रालय के अधिकारी
डॉ. वी. अनंत नगेश्वरन- मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय;
अजय सेठ- वित्त सचिव और सचिव, आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय;
नागाराजू मद्दिराला- सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय;
अरविंद श्रीवास्तव- सचिव, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय;
अनुराधा ठाकुर- विशेष कार्य अधिकारी और सचिव-पदनाम, आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय;
दीप्ति गौर मुखर्जी- सचिव, कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय
वित्तीय क्षेत्र विनियामकों के प्रमुख
- संजय मल्होत्रा - भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर
- तुहिन कांता पांडे - भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष
- के. राजारामन - अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के अध्यक्ष
- चंचल सरकार - वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के एफएसडीसी के सचिव
- परमोद कुमार अरोड़ा - उन्होंने भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व किया, क्योंकि यह पद रिक्त है
- सुश्री ममता शंकर - उन्होंने पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व किया, क्योंकि यह पद रिक्त है
- डॉ. भूषण कुमार सिन्हा - उन्होंने भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड का अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व किया, क्योंकि यह पद रिक्त है
- डॉ. संजय बहल - महानिदेशक, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन)
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफ़एसडीसी)
एफ़एसडीसी की स्थापना भारत सरकार द्वारा 2010 में “वित्तीय क्षेत्र सुधार” पर रघु राम राजन समिति की सिफारिश के बाद की गई थी।
एफएसडीसी का कार्य
- परिषद बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के व्यापक विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण की निगरानी करती है,
- अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र विकास के मुद्दों को संबोधित करती है।
- यह वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
एफएसडीसी की उप-समिति
- आरबीआई गवर्नर एफएसडीसी की उप-समिति के अध्यक्ष हैं।
- एफएसडीसी के सदस्य और आरबीआई के चार उप-गवर्नर उप-समिति के पदेन सदस्य हैं।