Home > Current Affairs > National > Sulabh International founder Bindeshwar Pathak passed away

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Sulabh International founder Bindeshwar Pathak passed away Death 3 min read

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक, पद्म भूषण प्राप्तकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता 80 वर्षीय डॉ. बिंदेश्वर पाठक की 15 अगस्त 2023 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 

भारत में क्रांतिकारी सुलभ कॉम्प्लेक्स सार्वजनिक शौचालय प्रणाली लाने का श्रेय बिंदेश्वर पाठक को दिया जाता है। डॉक्टर पाठक ने खुले में शौच और हाथ से मैला ढोने की प्रथा को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • डॉ. पाठक का जन्म 2 अप्रैल 1943 को मूल रूप से बिहार के वैशाली जिला स्थित रामपुर बघेल गांव में  हुआ था। डॉक्टर पाठक के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।

  • डॉ. पाठक को सामाजिक कार्यों के लिए 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था और बाद में वे सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के राजदूत बने।

  • डॉक्टर पाठक द्वारा स्थापित शौचालय संग्रहालय को टाइम पत्रिका ने विश्व के 10 सर्वाधिक अनूठे संग्रहालय में स्थान दिया था। 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक पोस्ट में अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया।

सुलभ इंटरनेशनल

  • डॉक्टर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना पश्चिमी दिल्ली के महावीर एंक्लेव स्थित सुलभ ग्राम में किया गया।

  • इस संग्रहालय में देश-विदेश के अनेक लोग पहुंच चुके हैं। सिर पर मैला ढोने की प्रथा की समाप्ति के इनके द्वारा किये गए कार्यों को संपूर्ण विश्व में तारीफ की गई थी। 

  • सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना, जो मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। देशभर में सुलभ इंटरनेशनल के करीब 8500 शौचालय और स्नानघर हैं।

  • सुलभ इंटरनेशनल के शौचालय के प्रयोग के लिए 5 रुपये और स्नान के लिए 10 रुपये लिए जाते हैं, जबकि कई जगहों पर इन्हें सामुदायिक प्रयोग के लिए मुफ़्त भी रखा गया है।

डिस्पोजल कम्पोस्ट शौचालय का आविष्कार: 

  • डॉ. पाठक ने सर्वप्रथम 1968 में डिस्पोजल कम्पोस्ट शौचालय का आविष्कार किया, जो कम खर्च में घर के आसपास मिलने वाली सामग्री से बनाया जा सकता है।

  • यह आगे चलकर बेहतरीन वैश्विक तकनीकों में से एक माना गया। उनके सुलभ इंटरनेशनल की मदद से देशभर में सुलभ शौचालयों की शृंखला स्थापित की।

  • समय के साथ, सुलभ इंटरनेशनल ने मैला ढोने के काम में लगे लोगों के कल्याण में भी योगदान दिया और उन्हें इस व्यवसाय से बाहर आने में मदद की।

गांधी शांति पुरस्कार: 

  • संगठन को अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ संयुक्त रूप से 2016 के लिए गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाने की शुरुआत: 

  • डॉ. पाठक ने भारत में वर्ष 2001 से ही प्रति वर्ष वर्ल्ड टॉयलेट डे मना रहे थे। डॉ. पाठक के प्रयासों से ही 19 नवंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र ने वर्ल्ड टॉयलेट डे को मान्यता दी।
Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Utkarsh Classes: Prepare for State & Central Govt Exams

With the trust and confidence of our students, the Utkarsh Mobile App has become a leading educational app on the Google Play Store. We are committed to maintaining this legacy by continually updating the app with unique features to better serve our aspirants.