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सीएसएल, कोच्चि में पहले तीन एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों को लॉन्च किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Simultaneous Launch Of First Three ASW SWC Ships At CSL, Kochi Defence 3 min read

भारतीय नौसेना के लिए सीएसएल, कोच्चि द्वारा बनाए जा रहे 08 एक्स एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (सीएसएल) परियोजना के प्रथम तीन जहाजों माहे, मालवन और मंगरोल को 30 नवंबर 2023 को सीएसएल, कोच्चि में एक साथ लॉन्च किया गया। 

  • समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना के तीनों जहाजों अलग-अलग लॉन्च किया गया। जिसमें : 
    • ‘माहे’ को वाइस एडमिरल पुनीत बहल, कमांडेंट आईएनए की उपस्थिति में श्रीमती अंजलि बहल ने लॉन्च किया, 
    • ‘मालवन’ को वाइस एडमिरल सूरज बेरी, सी-इन-सी की उपस्थिति में श्रीमती कंगना बेरी द्वारा लॉन्च किया गया और 
    • ‘मंगरोल’ को वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह, नौसेना उप-प्रमुख की उपस्थिति में  श्रीमती ज़रीन लॉर्ड सिंह के द्वारा लॉन्च किया गया। 
  • जहाजों को अथर्ववेद के मंगलाचरण के साथ लॉन्च किया गया। 
  • माहे श्रेणी के एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट्स का नाम भारत के तट से सटे रणनीतिक महत्व के बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है और ये पूर्ववर्ती युद्धपोतों की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जो उनके हमनाम थे।

आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण का अनुबंध: 

  • रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर 30 अप्रैल 2019 को हस्ताक्षर किए गए थे। 
  • माहे श्रेणी के जहाजों को स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक अंडरवॉटर सेंसर से लैस किया गया है। इनकी परिकल्पना तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) और खदान के परिचालनों के लिए गई है। 

एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों की विशेषता: 

  • एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज 78 मीटर लंबे हैं और 25 समुद्री मील अधिकतम गति सहित इनका विस्थापन लगभग 900 टन है।
  • समान श्रेणी के तीन जहाजों का एक साथ लॉन्च करना 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में स्वदेशी जहाज निर्माण में भारतीय प्रगति को उजागर करता है।

एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में प्रथम की प्रदायगी 2024 तक संभव: 

  • परियोजना के पहले जहाज की प्रदायगी अगले वर्ष 2024 में किए जाने की योजना है।

अधिकतम स्वदेशी सामग्री से जहाजों का निर्माण: 

  • एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा किया जाएगा, जिससे देश के भीतर रोजगार और सामर्थ्य में वृद्धि होगी।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण फूल फॉर्म: 

  • सीएसएल (CSL): कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड   
  • एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी (ASW SWC): एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट 

FAQ

Answer:- नवंबर 2023 में भारतीय नौसेना के लिए सीएसएल, कोच्चि में एक साथ तीन जहाजों ‘माहे’, ‘मालवन’ और ‘मंगरोल’ को लॉन्च किया गया।

Answer:- 30 नवंबर 2023 को भारतीय नौसेना के लिए सीएसएल, कोच्चि से ‘माहे’, ‘मालवन’ और ‘मंगरोल’ नाम के तीन जहाजों को एक साथ लॉन्च किया गया।

Answer:- भारतीय नौसेना के लिए ‘08 एक्स एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (सीएसएल)’ परियोजना के तहत बनाए जा रहे जहाजों में से, प्रथम तीन जहाजों- माहे, मालवन और मंगरोल को 30 नवंबर 2023 को सीएसएल, कोच्चि से एक साथ लॉन्च किया गया।

Answer:- भारतीय नौसेना के लिए सीएसएल, कोच्चि द्वारा बनाए जा रहे 08 एक्स एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (सीएसएल) परियोजना के तहत कुल आठ जहाजों का निर्माण किया जाना है।

Answer:- भारतीय नौसेना के लिए ‘08 एक्स एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट’ (सीएसएल) परियोजना के तहत तैयार किए जा रहे जहाजों की विस्थापन क्षमता लगभग 900 टन है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाज 78 मीटर लंबे हैं और इनकी गति अधिकतम 25 समुद्री मील है।
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