दूरसंचार विभाग (डीओटी ) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ मिलकर संचार साथी पहल के तहत धोखाधड़ी वाले एसएमएस (लघु संदेश सेवा) के खतरे पर कड़ी कार्रवाई शुरू की है।साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल फोन धारक अनजान ग्राहकों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे आठ एसएमएस हेडर को सरकार ने ब्लॉक कर दिया है।
भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने कहा कि पिछले तीन महीनों में आठ अलग-अलग संस्थाओं से 10,000 से अधिक धोखाधड़ी वाले संदेश भेजे गए थे।
डॉट ने इन आठ संस्थाओं के स्वामित्व वाले 73 एसएमएस हेडर और 1522 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट्स को ब्लॉक और ब्लैकलिस्ट कर दिया है।अब इनसे कोई एसएमएसएम नहीं भेजा जा सकता है।
कानून टेलीमार्केटिंग गतिविधियों के लिए मोबाइल नंबरों के उपयोग की अनुमति नहीं देता है। डीओटी ने टेलीमार्केटिंग उद्देश्य के लिए उपसर्ग के रूप में 180 और 140 आवंटित किए हैं। 10 अंकों का नंबर जो आम तौर पर उपभोक्ता द्वारा उपयोग किया जाता है, उसे टेलीमार्केटिंग उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यदि कोई उपभोक्ता अपने मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन का उपयोग टेलीमार्केटिंग उद्देश्यों के लिए करता है, तो पहली शिकायत पर उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा, और उन्हे डीओटी द्वारा द्वारा दो साल की अवधि के लिए ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
डीओटी ने लोगों से संचार साथी पर चक्षु सुविधा पर ऐसे धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करने का भी आग्रह किया है।
संचार साथी पहल 16 मई 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा शुरू की गई थी।
संचार साथी पोर्टल मोबाइल ग्राहकों को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा को मजबूत करने और सरकार की नागरिक-केंद्रित पहलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित किया गया है। संचार साथी पोर्टल के कुछ महत्वपूर्ण मॉड्यूल हैं:
संचार साथी का रिपोर्ट सस्पेक्टेड फ्रॉड कम्युनिकेशंस (चक्षु) मॉड्यूल नागरिकों को एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त संदिग्ध कॉल या संदेशों की रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करता है जो साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी, फर्जी लॉटरी ऑफर, नौकरी की पेशकश आदि के लिए किए जाते हैं।
एक मोबाइल उपयोगकर्ता जिसका मोबाइल फोन चोरी हो गया है या खो गया है, सेंट्रलाइज्ड इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) मॉड्यूल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है।
मोबाइल मालिक को अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल की 15 अंकों वाली आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) की रिपोर्ट सीईआईआर पर देनी होती है । सत्यापन के बाद, सिस्टम चोरी हुए मोबाइल फोन को भारतीय नेटवर्क में इस्तेमाल होने से रोक देता है।
एएसटीआर (टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर सत्यापन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चेहरे की पहचान संचालित समाधान)
कई मोबाइल कनेक्शन जाली दस्तावेज़ों का उपयोग करके प्राप्त किए जाते हैं। इन कनेक्शनों का उपयोग अपराध और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। इस खतरे को रोकने के लिए, एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित उपकरण, एएसटीआर विकसित किया गया है जो जाली दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त सिम की पहचान करता है।