केन्द्रीय मत्स्यपालन विभाग और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड भारत सरकार ने तमिलनाडु सरकार के मत्स्यपालन विभाग, भारतीय तट रक्षक और मछुआरों के प्रतिनिधियों के साथ सागर परिक्रमा, चरण-9 का आयोजन किया।
किस स्थान से सागर परिक्रमा, चरण-9 की शुरुआत की गई?
- सागर परिक्रमा, चरण-9 की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को तिरुवंदनई, तमिलनाडु से की गई।
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने की शरुआत?
- केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन, व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इसकी शुरुआत की गई।
- इसके पश्चात् रूपाला ने पुदुक्कोट्टई जिले के मनामेलकुडी में मत्स्य किसान उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड का उद्घाटन किया।
मत्स्य संपदा जागृति अभियान की शुरुआत:
- भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग ने पूरे देश में मछुआरों और अन्य हितधारकों के मध्य पहुंचने और जागरूकता बढ़ाने के लिए “मत्स्य संपदा जागृति अभियान” पर एक रणनीतिक पहल की शुरुआत की है।
- सागर परिक्रमा चरण-9 कार्यक्रम के दौरान ही “मत्स्य संपदा जागृति अभियान” समानांतर रूप से आरंभ किया गया है।
सागर परिक्रमा चरण-9 का प्रचार प्रसार:
- लगभग 10,500 मछुआरों, विभिन्न मत्स्यपालन हितधारकों, विद्वानों ने विभिन्न स्थानों से सागर परिक्रमा चरण-9 कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिनमें लगभग 3,400 मछुआरन भी शामिल थे।
- इस कार्यक्रम को यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लाइव किया गया।
सागर परिक्रमा:
- सागर परिक्रमा सभी मछुआरों, मत्स्य किसानों और संबंधित इसके अन्य हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने हेतु पूर्व-निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से सभी तटीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में आयोजित की जाने वाली एक नौपरिवहन यात्रा है।
- भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित सागर परिक्रमा मत्स्यपालन क्षेत्र से संबंधित योजनाओं/ कार्यक्रमों पर जानकारी का प्रसार करने, सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डालने, जिम्मेदार मत्स्यपालन को बढ़ावा देने और सभी मछुआरों और संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करने में योगदान देता है।
मत्सयन को समर्पित है सागर परिक्रमा अभियान:
- सागर परिक्रमा का लक्ष्य मछुआरों से उनके घर जाकर बातचीत करना, उनकी कठिनाइयों और शिकायतों को सुनना, ग्रामीण स्तर पर जमीनी वास्तविकताओं को समझना, निरंतर मछली पकड़ने को प्रोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि लाभार्थियों तक सरकारी सब्सिडी और पहल पहुंचे।
- अब तक, तटीय राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में सागर परिक्रमा के आठ चरण पूर्ण हो चुके हैं।
सागर परिक्रमा के मुख्य चरण:
- सागर परिक्रमा का प्रथम चरण ‘क्रांति से शांति’ विषय के साथ 5 मार्च 2022 को मांडवी, गुजरात (श्यामजी कृष्ण वर्मा का स्मारक) से आरंभ किया गया था।
- सागर परिक्रमा का द्वितीय चरण कार्यक्रम 23 से 25 सितंबर 2022 तक आयोजित किया गया। इस चरण में सात स्थान- मंगरोल, वेरावल, दीव, जाफराबाद, सूरत, दमन तथा वलसाड़ को शामिल किए गए।
- सागर परिक्रमा का तृतीय चरण 19 फरवरी 2023 को सूरत-हजीरा बंदरगाह, गुजरात से प्रारंभ हुआ और उत्तरी महाराष्ट्र के तटीय इलाकों के 5 स्थानों सतपती (जिला पालघर), वसई, वर्सोवा, न्यू फेरी वार्फ (भाउचा-धक्का) तथा सासून गोदी और मुंबई के अन्य क्षेत्रों में 20-21 फरवरी 2023 तक आयोजित किया गया।
- सागर परिक्रमा के आरंभिक तीन चरणों के दौरान गुजरात, महाराष्ट्र तथा केंद्रशासित दीव और दमन के 15 स्थान शामिल किया गया।
सागर परिक्रमा का महत्त्व:
- यह राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और तटीय मछुआरा समुदायों की आजीविका एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा हेतु समुद्री मत्स्य संसाधनों के उपयोग के साथ स्थायी संतुलन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
भारत में मत्स्यन की स्थिति:
- भारत विश्व में जलीय कृषि के माध्यम से मत्स्य का उत्पादन करने वाला दूसरा प्रमुख देश है।
- वर्तमान में भारत विश्व में मत्स्य निर्यात करने में चौथा सबसे बड़ा देश है। भारत वैश्विक मत्स्य उत्पादन में लगभग 7.7% का योगदान देता है।
- इसके अलावा भारत दुनिया में अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन में पहले स्थान पर और समग्र मत्स्य उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
- वर्तमान में यह क्षेत्र देश में 2.8 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है।