आरबीआई के पूर्व गवर्नर एस वेंकटरमणन का आज सुबह लम्बी बीमारी के चलते निधन हो गया। भारत के सबसे प्रतिभाशाली वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारियों में से एक, का 92 वर्ष की आयु में चेन्नई में निधन हो गया है। एस वेंकटरमणन ने 1990 से 1992 तक आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्य किया। वेंकटरमणन, जिनका जन्म 21 दिसंबर 1931 को त्रावणकोर में हुआ था, ने आरबीआई गवर्नर बनने से पहले भारत के वित्त सचिव और कर्नाटक सरकार के मुख्य सलाहकार जैसी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं हैं।
एस वेंकटरमणन
- भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एस वेंकटरमणन का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
- वह भारतीय रिज़र्व बैंक के 18वें गवर्नर थे, जिन्होंने 1990 से 1992, दो वर्षों तक बतौर गवर्नर आरबीआई को सेवा दी।
- इससे पहले, वह 1985 से 1989 तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव के रूप में कार्यरत थे।
- वेंकटरमणन के कार्यकाल के दौरान, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की स्थिरता नीति को भी अपनाया। जिसमें मुद्रा का मूल्यह्रास और आर्थिक सुधार योजना की शुरुआत भी शामिल थी।
- वह सी सुब्रमण्यम के सहायक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं, जिन्होंने 1960 के दशक के मध्य में भारत मे हरित क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- आरबीआई के पूर्व गवर्नर एस वेंकटरमणन ने बतौर आरबीआई गवर्नर, 1990 से 1992 की वित्तीय चुनोतियों के दौरान में अपने कुशल प्रबंधन के माध्यम से आरबीआई के नेतृत्व किया।
भारतीय रिजर्व बैंक
- भारतीय रिज़र्व बैंक एक राष्ट्रीय संस्था है और भारत के अर्थव्यवस्था की नींव है। यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का सदस्य भी है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934, के तहत 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई।
- भारतीय रिज़र्व बैंक का प्रधान कार्यालय 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित होने तक, मूल रूप से कोलकाता में स्थित था।
- गवर्नर, आरबीआई के केंद्रीय कार्यालय में काम करते है, जहाँ विभिन्न नीतियां बनाई जाती हैं।
- रिज़र्व बैंक का 1949 में राष्ट्रीयकरण होने के बाद से, यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में कार्य करने लगा।
- केंद्रीय निदेशक मंडल रिज़र्व बैंक के संचालन की देखरेख करता है।
- आरबीआई, जिसे भारतीय मौद्रिक प्राधिकरण के रूप में भी जाना जाता है, की स्थापना हिल्टन यंग कमीशन के सुझाव में की गई थी।
- 1934 के भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम ने आरबीआई की विधायी स्थिति व्याख्यापित की, और 1 अप्रैल, 1935 को इसने कार्य करना प्रारंभ किया।
मौद्रिक नीति समिति
- मौद्रिक नीति समिति की स्थापना 2016 में की गई थी।
- यह मौद्रिक नीति निर्धारण के निर्णयों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का प्रयास करता है।
- एमपीसी, का प्राथमिक उद्देश्य मूल्य स्थिरता को बनाये रखना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समिति, ब्याज दर का नीतिगत विनियमन करती है।
- समिति में छह सदस्य हैं, जिसमें आरबीआई के गवर्नर पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
- तीन सदस्यों की नियुक्ति आरबीआई द्वारा की जाती है, जबकि तीन की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है।
- मुद्रास्फीति लक्ष्य हर पाँच साल में निर्धारित किया जाएगा। इन लक्ष्यों को भारत सरकार, रिजर्व बैंक के सहयोग से निर्धारित करती है।