भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआईI) ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी(आईडीएफ-एनबीएफसी) के लिए अपने नियामक मानदंडों को संशोधित करते हुए न्यूनतम शुद्ध स्वामित्व निधि (एनओएफ़) 300 करोड़ रुपये निर्धारित किया है । आईडीएफ-एनबीएफसी के लिए संशोधित नियामक ढांचा आरबीआई द्वारा 18 अगस्त 2023 को जारी किया गया था।
आरबीआई ने आईडीएफ-एनबीएफसी के लिए पूंजी-से-जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) न्यूनतम 15 प्रतिशत (न्यूनतम टियर 1 पूंजी 10 प्रतिशत के साथ) रखना भी अनिवार्य कर दिया है।
आरबीआई के मुताबिक आईडीएफ-एनबीएफसी को बुनियादी ढांचा क्षेत्र के वित्तपोषण में बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम बनाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड एक प्रकार का निवेश माध्यम है जिसे वाणिज्यिक बैंक या एनबीएफसी द्वारा स्थापित किया जा सकता है। इसे या तो एक ट्रस्ट के रूप में या एक कंपनी के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
बैंक या एनबीएफसी आईडीएफ को एक ट्रस्ट के रूप में स्थापित कर सकते हैं। यदि इसे एक ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया जाता है तो यह एक म्यूचुअल फंड होगा और इसे भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है ।
यदि आईडीएफ को एक कंपनी के रूप में स्थापित किया जाता है तो यह एक एनबीएफसी होगी और इसे आरबीआई द्वारा विनियमित किया जाता है । इस तरह के आईडीएफ को आईडीएफ-एनबीएफसी कहा जाता है ।
केवल बैंक और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियां एनबीएफसी (आईएफसी-एनबीएफसी) ही आईडीएफ-एनबीएफसी को प्रायोजित कर सकती हैं।
आईडीएफ-एनबीएफसी न्यूनतम 5 वर्ष की परिपक्वता के रुपये या डॉलर मूल्यवर्ग वाले बांड जारी करके संसाधन जुटा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड के रूप में पंजीकृत आईडीएफ निवेशकों को म्यूचुअल फंड की इकाइयां जारी करके संसाधन जुटा सकते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड की अवधारणा भारत में बैंकों को आधारभूत संरचना परियोजनाओं को वित्तपोषित करने का अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। वे बीमा और पेंशन फंड जैसे दीर्घकालिक भारतीय/विदेशी संस्थागत निवेशकों को बुनियादी ढांचा कंपनियों के ऋण उपकरणों में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं।
ये दीर्घकालिक निवेशक या तो आईडीएफ-एमएफ (म्यूचुअल फंड) की इकाइयां खरीदकर या आईडीएफ-एनबीएफसी द्वारा जारी बांड खरीदकर निवेश कर सकते हैं।
आईडीएफ किसी कंपनी में निवेश नहीं करता है, बल्कि वे एक बुनियादी ढांचा परियोजना में निवेश करते हैं।
आईडीएफ बुनियादी ढांचा कंपनियों के मौजूदा ऋण को पुनर्वित्त करता है। आईडीएफ-एनबीएफसी केवल उन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बैंकों द्वारा दिए गए ऋणों को खरीदता है जो सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मार्ग के माध्यम से बनाए गए हैं और सफलतापूर्वक वाणिज्यिक उत्पादन का एक वर्ष पूरा कर चुके हैं।