भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के प्रावधान का उल्लंघन करने के लिए एचएसबीसी बैंक पर 36.38 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है । आरबीआई के अनुसार, एचएसबीसी बैंक फेमा की उदारीकृत प्रेषण योजना के तहत आवश्यक रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा।
उदारीकृत प्रेषण योजना आरबीआई द्वारा 2004 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 के तहत शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, नाबालिगों सहित सभी निवासी व्यक्ति भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) में 2,50,000 डॉलर विदेश भेज सकते हैं।
हालाँकि जो पैसा भेजा (हस्तांतरित) किया जाता है वह उन गतिविधियों के लिए होना चाहिए जिन्हें फेमा के तहत अनुमति है।
यह वर्तमान में व्यावसायिक उद्देश्यों, चिकित्सा उद्देश्यों, पर्यटन या विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों की सहायता के लिए विदेश यात्रा जैसे चालू खाता लेनदेन की अनुमति देता है।
इसका उपयोग अनुमत पूंजी खाता लेनदेन के लिए भी किया जा सकता है जैसे कि विदेशों में बैंक खाता खोलना, संपत्ति खरीदना, विदेश में सूचीबद्ध विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश करना आदि।
जब यह योजना 2004 में शुरू की गई थी, तब फंड ट्रांसफर की अधिकतम सीमा 25,000 अमेरिकी डॉलर प्रति वित्तीय वर्ष थी। आरबीआई ने समय-समय पर इस सीमा को बढ़ाकर वर्तमान में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर प्रति वित्तीय वर्ष कर दिया है ।
प्रेषण किसी भी स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में किया जा सकता है, और एक वित्तीय वर्ष में लेनदेन की संख्या पर कोई सीमा नहीं है।
यह योजना केवल निवासी व्यक्ति के लिए है और यह किसी भी कंपनी , साझेदारी वाली फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।
पैसा अधिकृत डीलरों के माध्यम से प्रेषित किया जाता है जिन्हें लेनदेन की रिपोर्ट आरबीआई को देनी होती है। एचएसबीसी जो की एक अधिकृत विदेशी मुद्रा डीलर है, आरबीआई को कुछ लेनदेन की रिपोर्ट करने में विफल रही थी ,जिसके कारण उसपर जुर्माना लगा ।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 में अधिनियमित किया गया था और 1 जनवरी 2000 को लागू किया गया था। इसने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) 1973 का स्थान लिया था ।
फेमा अधिनियम विदेशी मुद्रा लेनदेन के संबंध में नियम और विनियम निर्धारित करता है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 की कुछ धाराएं आरबीआई को भारत में विदेशी मुद्रा के लेनदेन और प्रबंधन के संबंध में सशक्त बनाती हैं।
हांगकांग और शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) एक ब्रिटिश बैंक है जिसकी स्थापना 1865 में हांगकांग में हुई थी।
इसने 1959 में मर्केंटाइल बैंक ऑफ इंडिया को खरीदकर अपना भारतीय परिचालन शुरू किया।
एचएसबीसी एक विदेशी बैंक के रूप में पंजीकृत है और आरबीआई द्वारा विनियमित है।
वैश्विक मुख्यालय: लंदन, यूनाइटेड किंगडम
एचएसबीसी इंडिया ऑपरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी: हितेंद्र दवे
टैगलाइन: दुनिया का स्थानीय बैंक।