वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एफ़आरईई-एआई) के जिम्मेदार और नैतिक सक्षमता के लिए एक रूपरेखा विकसित करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आठ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति भारतीय वित्तीय क्षेत्र के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए एक व्यापक और लचीला ढांचा सुझाएगी। समिति को अपने गठन के छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य
विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य हैं।
अन्य सदस्य इस प्रकार हैं;
- देबजानी घोष, स्वतंत्र निदेशक, रिजर्व बैंक इनोवेशन हब, बेंगलुरु;
- बलरामन रविंद्रन, प्रोफेसर आईआईटी मद्रास;
- अभिषेक सिंह, अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY);
- राहुल मथन, पार्टनर, ट्राइलीगल;
- अंजनी राठौर, एचडीएफसी बैंक;
- श्री हरि नागरालू, सुरक्षा एआई अनुसंधान प्रमुख, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (आरएंडडी); और
- सुवेंदु पति, मुख्य महाप्रबंधक, फिनटेक विभाग, आरबीआई।
समिति का कार्य
- समिति भारत और विदेशों में वित्तीय सेवाओं में एआई को अपनाने के वर्तमान स्तर का आकलन करेगी;
- यह दुनिया भर में वित्तीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई के लिए विनियामक और पर्यवेक्षी दृष्टिकोण की समीक्षा करेगी;
- यह बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), फिनटेक और भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों (पीएसओ) जैसे वित्तीय संस्थानों में एआई से जुड़े संभावित जोखिमों की पहचान करेगा;
- समिति एआई के उपयोग से जुड़े जोखिमों को रोकने के लिए वित्तीय संस्थान द्वारा पालन की जाने वाली उपयुक्त अनुपालन आवश्यकताओं का सुझाव देगी;
- यह घरेलू वित्तीय क्षेत्र में एआई मॉडल/अनुप्रयोगों को जिम्मेदारी से, नैतिक रूप से अपनाने के लिए शासन पहलुओं सहित एक रूपरेखा की भी सिफारिश करेगी।
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