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आरबीआई ने निष्क्रिय बैंक खातों को पुनः सक्रिय करने के लिए वीडियो केवाईसी की अनुमति दी

Utkarsh Classes Last Updated 14-06-2025
RBI allows Video KYC to reactivate Dormant Bank accounts Banking and Finance 5 min read

बैंकिंग क्षेत्र के नियामक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए  निष्क्रिय बैंक खातों और दावा न किए गए जमा को फिर से सक्रिय करने के लिए वीडियो केवाईसी की अनुमति बैंकों को दे दी है। बैंकिंग को सरल और सुलभ बनाने के लिए, आरबीआई  ने 12 जून 2025 को बैंकों में केवाईसी मानदंडों के संबंध में कई दिशा-निर्देश जारी किए।

केवाईसी ,ग्राहक पहचान प्रक्रियाओं (सीआईएफ़) का एक समूह है जिसे बैंक किसी ग्राहक के बैंक में खाता खोलते  समय अपनाते हैं। 

इस प्रक्रिया के तहत, ग्राहक को बैंक को पहचान और पते का का वैध प्रमाण और हाल ही की एक अपनी एक तस्वीर देनी होती है। 

आरबीआई ने ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र या मनरेगा का उपयोग पहचान और पते के प्रमाण दोनों के लिए,अधिसूचित किया है कि जा सकता है। आयकर विभाग द्वारा जारी पैन कार्ड केवल एक पहचान का प्रमाण है।

आरबीआई द्वारा केवाईसी में किए गए बदलाव

  • कम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए, बैंक सभी लेन-देन की अनुमति देंगे और केवाईसी का अद्यतनीकरण एक वर्ष के भीतर या 30 जून, 2026 तक, जो भी बाद में हो, पूरा कर लेंगे।
  • आरबीआई ने बैंकों को अपने ग्राहकों के केवाईसी को समय-समय पर अपडेट करने के लिए अपने बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) का उपयोग करने की अनुमति दे दी है।

निष्क्रिय/ दावा न किए गए जमा खातों के लिए

निष्क्रिय/अप्रत्याशित जमाराशियों को पुनः सक्रिय करने के लिए, आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे:

  • वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (सीआईपी) की सुविधा प्रदान करें,
  • किसी भी बैंक शाखा (गैर-गृह शाखा सहित) में केवाईसी अपडेट की सुविधा प्रदान करें।गृह शाखा वह शाखा है जहाँ ग्राहक ने अपना बैंक खाता खोला है।

निष्क्रिय खाते और दावा न किए गए जमा क्या हैं? 

बैंक खाते (बचत या चालू खाते) तब निष्क्रिय हो जाते हैं जब ग्राहक द्वारा प्रेरित, पिछले दो वर्षों से कोई लेन-देन नहीं हुआ हो। 

ग्राहक द्वारा प्रेरित लेन-देन में शामिल हैं;

  • ग्राहक द्वारा किए गए वित्तीय लेन-देन (जमा या निकासी) या बैंक या किसी तीसरे पक्ष द्वारा खाताधारक की ओर से किए गए लेन-देन,
  • गैर-वित्तीय लेन-देन जैसे एटीएम के माध्यम से खाते की शेष राशि की जाँच करना आदि।

दावा न किए गए जमा

  • बैंक में वो जमा राशि जिसमे ग्राहक द्वारा पिछले 10 वर्षों से कोई लेन-देन (निकासी या जमा) नहीं किया गया है।
  • ग्राहक खातों में सभी प्रकार के बैंक खाते शामिल हैं जैसे चालू खाता, बचत खाता, सावधि जमा, आवर्ती जमा, नकद ऋण खाते, आदि।

दावा न किए गए जमा और डीईएएफ? 

बैंकों को दावा न किए गए जमा राशि को आरबीआई द्वारा प्रबंधित जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष (डीईएएफ) में स्थानांतरित करना होता है।

आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के प्रावधानों के तहत 2014 में डीईएएफ की स्थापना की थी।

इस कोष का प्रबंधन आरबीआई के डिप्टी गवर्नर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति द्वारा किया जाता है। बैंकों को ग्राहक या खाताधारक के कानूनी उत्तराधिकारी को लागू ब्याज के साथ राशि वापस करनी होती है, जब भी वे इसका दावा करते हैं। 

आरबीआई इस उद्देश्य के लिए बैंक को डीईएएफ से धन उपलब्ध करता है।

FAQ

उत्तर: निष्क्रिय खाते और दावा न किए गए जमा के लिए।

उत्तर: जब ग्राहक द्वारा पिछले 2 वर्षों से अपने खाते (चालू या बचत खाता) में कोई लेन-देन नहीं किया गया हो।

उत्तर: बैंक में वह जमा राशि जहाँ ग्राहक ने पिछले 10 वर्षों से कोई लेन-देन (निकासी या जमा) नहीं किया हो।
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