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चन्द्रमा की सतह पर उतरा निजी कंपनी का पहला अंतरिक्ष यान ‘ओडीसियस’

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Private company's first spacecraft 'Odysseus' lands on lunar surface Space 4 min read

अमेरिका की प्राइवेट कंपनी ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ का ‘रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ओडिसियस’ 23 फरवरी 2024 को चंद्रमा की सतह पर उतरा। चांद पर उतरने वाले इस अंतरिक्ष यान का नाम ओडीसियस या ऑडी है। ‘ओडीसियस’ का चंद्रमा की सतह पर निजी अंतरिक्ष कंपनियों के प्रथम आगमन का भी प्रतीक है।

इंटुएटिव मशीन्स ने तैयार किया अंतरिक्ष यान: 

  • संयुक्त राज्य अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित ‘इंटुएटिव मशीन्स’ द्वारा निर्मित अंतरिक्ष यान ओडीसियस ने 15 फरवरी 2024 को पृथ्वी से लॉन्च किया गया था। 
  • लगभग 52 साल बाद संयुक्त राज्य अमेरिका का रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर चांद की सतह पर उतरा है। 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद अमेरिका में तैयार कोई अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की सतह पर उतरा है।

फाल्कन 9 रॉकेट से हुआ लॉन्च: 

  • अंतरिक्ष यान 15 फरवरी 2024 को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करके ओडीसियस को लॉन्च करने वाला है ।
  • यह भारतीय समय के अनुसार 23 फरवरी 2024 को सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा।  

ओडीसियस लैंडर के बारे में:  

  • अंतरिक्ष यान छह नासा पेलोड को चंद्रमा पर ले गया। 
  • ओडीसियस का लैंडर मॉड्यूल, जिसे नोवा-सी का नाम दिया गया है। पिछले साल चंद्रयान-3 के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दूसरा मॉड्यूल बन गया है।
  • ओडीसियस छह पैरों वाला एक रोबोट लैंडर है। 
  • इसके साथ, इंटुएटिव मशीन्स (आईएम) - नोवा के पीछे का वाणिज्यिक उद्यम -सी लैंडर - चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करने वाला पहला निजी उद्यम बन गया है। 
  • चांद का दक्षिणी ध्रुव वही हिस्सा है, जिसके करीब भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर उतरा था। लैंडिंग से पहले ओडिसियस के नेविगेशन सिस्टम में कुछ खराबी भी आई थी। इसके बावजूद लैंडिंग कराई गई। 
  • यह स्पेसक्राफ्ट मून के साउथ पोल पर उतरा है। नासा से मिली जानकारी के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट की गति लैंडिंग से पहले बढ़ी थी। इसलिए ओडिसियस ने मून का एक अतिरिक्त चक्कर लगाया था।
  • इंटुएटिव मशीन्स के सीईओ स्टीव अल्टेमस हैं।
  • नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक वीडियो संदेश के जरिए इससे जुड़े अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

ओडीसियस मिशन का उद्देश्य: 

  • नासा का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाना चाहता है। क्योंकि अंतरिक्ष एजेंसी का मानना है कि यह भविष्य के अंतरिक्ष यात्री बेस स्थापित करने के लिए सबसे अच्छा स्थान है।
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, उसने इंटुएटिव मशीन्स के पहले मिशन के लिए इस लैंडिंग साइट को चुना था। क्योंकि वह चंद्रमा के पर्यावरण के बारे में अधिक जानना चाहता है कि इस क्षेत्र में संचार कैसे कार्य करता है। 
  • उल्लेखनीय है कि अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जिसने चंद्रमा की सतह पर 1972 में ही मनुष्यों को भेजा है। 

FAQ

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर : इंट्यूटिव मशीन्स

उत्तर : ओडिसियस

उत्तर : अंतरिक्ष यान छह नासा पेलोड को चंद्रमा पर ले गया।
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