प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 मार्च 2024 को एनटीपीसी परियोजनाओं की एक श्रृंखला राष्ट्र को समर्पित करने और आधारशिला रखने जा रहे हैं। एनटीपीसी की परियोजना में कुल 30,023 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। प्रधानमंत्री 4-6 मार्च 2024 को तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार के दौरे पर हैं।
- एनटीपीसी की ये परियोजनाएं देश के बिजली बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगी। साथ ही रोजगार सृजन, सामुदायिक विकास तथा पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगी।
- ये परियोजनाएं देश की हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने का प्रतीक हैं।
- एनटीपीसी की ये परियोजना सतत विकास तथा आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का संकेत है। पीएम मोदी द्वारा उद्घाटित एनटीपीसी की विभिन्न परियोजनाओं का उल्लेख निम्न बिन्दुओं में किया गया है:
एनटीपीसी के तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 800 मेगावाट यूनिट:
- पीएम मोदी एनटीपीसी के तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (स्टेज-I) की यूनिट #2 (800 मेगावाट) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले में स्थित है।
- यह परियोजना लगभग 8,007 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग करती है। यह कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन को काफी कम करते हुए अधिकतम बिजली की उत्पादन दक्षता को सुनिश्चित करती है।
- यह परियोजना तेलंगाना को 85% बिजली की आपूर्ति करेगी।
- भारत में एनटीपीसी के सभी ऊर्जा केंद्रों के बीच इसकी बिजली उत्पादन दक्षता लगभग 42% होगी।
- इस परियोजना के शुरू होने से तेलंगाना सहित देशभर में सस्ती व उच्च गुणवत्ता वाली बिजली की 24x7 उपलब्धता के लक्ष्य में भी सहायता मिलेगी।
- इस परियोजना की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी। इसकी पहली इकाई 3 अक्टूबर, 2023 को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी।
उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 660 मेगावाट यूनिट:
- पीएम मोदी झारखंड में स्थित उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (3x660 मेगावाट) की यूनिट-2 (660 मेगावाट) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
- यह परियोजना लगभग 4,609 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एयर कूल्ड कंडेनसर तकनीक से सुसज्जित है।
- यह भारत की पहली सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना के रूप में स्थापित हुई है। इसके परिणामस्वरूप पारंपरिक वाटर-कूल्ड कंडेनसर (डब्ल्यूसीसी) की तुलना में एक तिहाई जल फुटप्रिंट होता है।
- एनटीपीसी ने 1 मार्च, 2023 को उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की यूनिट-1 का वाणिज्यिक संचालन आरंभ किया था।
फ्लाई ऐश आधारित हल्के भार वाले ऊर्जा संयंत्र की स्थापना:
- पीएम मोदी सीपत सुपर थर्मल पावर स्टेशन में 51 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित फ्लाई ऐश आधारित हल्के भार वाले ऊर्जा संयंत्र को समर्पित करेंगे। सीपत सुपर थर्मल पावर स्टेशन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्थित है।
- यह संयंत्र पेलेटाइजिंग और सिंटरिंग तकनीक का उपयोग करते हुए फ्लाई ऐश को कोयले तथा अन्य मिश्रण के साथ मिलाकर ऊर्जा का उत्पादन करता है। इससे थोक फ्लाई ऐश उपयोग को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है।
फ्लू गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से 4जी इथेनॉल संयंत्र की आधारशिला:
- पीएम मोदी छत्तीसगढ़ के लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में स्थित फ्लू गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से 4जी इथेनॉल संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। इसमें 294 करोड़ रुपये का निवेश किया जा सकेगा।
- यह नवोन्मेषी संयंत्र 4जी-इथेनॉल को संश्लेषित करने हेतु अपशिष्ट ग्रिप गैस से कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करेंगे। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा और सतत विमानन ईंधन की दिशा में आगे बढ़ेगा।
फ्लाई ऐश आधारित एफएएलजी सामूहिक संयंत्र स्थापना:
- पीएम मोदी छत्तीसगढ़ के कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में फ्लाई ऐश आधारित एफएएलजी सामूहिक संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना में 22 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
- इससे फ्लाई ऐश को मूल्यवर्धित भवन निर्माण सामग्री - मोटे अवयव में परिवर्तित करेगी। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति वचनबद्धता को बढ़ावा मिलेगा।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) वॉटर टू ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र:
- प्रधानमंत्री 10 करोड़ रुपये के निवेश से ग्रेटर नोएडा के एनटीपीसी नेत्रा परिसर में स्थापित एसटीपी वॉटर टू ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र को समर्पित करेंगे।
- एसटीपी जल से उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन से बिजली की खपत कम करने में मदद मिलेगी। ये सतत विकास तथा आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सिंगरौली सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, चरण-III:
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री 2X800 मेगावाट के सिंगरौली सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के चरण -III का शुभारंभ करेंगे।
- उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 17,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ शुरू की गई है। यह परियोजना पर्यावरणीय स्थिरता तथा तकनीकी नवाचार की दिशा में भारत की प्रगति को उजागर करती है।
समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन संयंत्र:
- पीएम मोदी विशाखापट्टनम के एनटीपीसी सिम्हाद्री में स्थित समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना में 30 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसका लक्ष्य समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। इससे इस प्रक्रिया में ऊर्जा की बचत होगी।