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प्रधानमंत्री मोदी ने चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानून राष्ट्र को समर्पित किए

Utkarsh Classes Last Updated 04-12-2024
PM Modi dedicate three new Criminal Laws to the Nation in Chandigarh Bill and Act 5 min read

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 दिसंबर 2024 को चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह में तीन नए आपराधिक कानूनों: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया।

यह समारोह चंडीगढ़ में इसलिए आयोजित किया गया था क्योंकि चंडीगढ़ भारत का पहला राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है जिसने तीन नए आपराधिक कानूनों को पूरी तरह से लागू किया है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून तीन साल के भीतर देश में लागू कर दिए जाएंगे।

तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, 1 जुलाई 2024 को लागू किए गए थे।

समारोह में कौन शामिल हुए?

समारोह का विषय "सुरक्षित समाज, विकसित भारत - सजा से न्याय तक” था। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह, चंडीगढ़ के प्रशासकऔर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह यादव भी उपस्थित थे।

समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा अपराध स्थल जांच का लाइव डेमो देखा, जिसमें नए कानूनों के तहत साक्ष्य संग्रह का प्रदर्शन भी किया गया।

अमित शाह के अनुसार, नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य एफआईआर दर्ज होने के तीन साल के भीतर दोषसिद्धि सुनिश्चित करना है।

औपनिवेशिक मानसिकता का अंत

इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देशों को औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद 1860 में अंग्रेजों ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) लागू की थी। अंग्रेजों द्वारा लागू की गई दंड संहिता का उद्देश्य भारतीयों को दंडित करना और उन्हें गुलाम बनाना था।

भारत, जिसने 2047 तक एक विकसित देश या विकसित भारत बनने का लक्ष्य रखा है, उसे भारतीयों द्वारा भारतीयों के लिए बनाए गए नए कानून की जरूरत है।

तीन आपराधिक कानूनों के बारे में

तीन नए आपराधिक कानून ब्रिटिश काल के आपराधिक कानूनों की जगह लेंगे और देश की कानूनी न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और आधुनिक बनाने का प्रयास करेंगे।

तीन नए कानून निम्नलिखित कानूनों की जगह लेंगे:

  • भारतीय न्याय संहिता, 2023 जो भारतीय दंड संहिता 1860 का स्थान लेगी,
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 जो दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 का स्थान लेगी, और
  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेगा।

तीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए चार ऐप

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में तीन नए आपराधिक कानूनों के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए चार ऐप- ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन भी लॉन्च किए हैं।

चारों ऐप्स के कार्य 

इन चारों ऐप्स के कार्य हैं::

  •  ई-साक्ष्य ऐप के मध्याम से  सभी गवाही, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी ई-साक्ष्य सर्वर पर सहेजी जाएगी और यह  वास्तविक समय के आधार पर सभी अदालतों के लिए उपलब्ध होगा।
  •  ई-समन ऐप से अदालतें, पुलिस स्टेशनों और संबंधित व्यक्ति, जिसे समन भेजा जाना है, को इलेक्ट्रॉनिक रूप से समन भेजेगी।
  • न्याय सेतु डैशबोर्ड पुलिस, चिकित्सा, फोरेंसिक, अभियोजन और जेल अधिकारियों को जोड़ेगा। यह पुलिस को वास्तविक समय के आधार पर जांच से संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेगा। 
  • न्याय श्रुति ऐप अदालत को वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों को सुनने में सक्षम बनाएगा।

FAQ

उत्तर: केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़

उत्तर: चंडीगढ़ में 3 दिसंबर 2024 को।

उत्तर: 1 जुलाई 2024 को
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