प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मार्च 2025 को विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर गुजरात के जूनागढ़ जिले के सासन गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडबल्यूएल) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की। गिर भारत में एशियाई शेरों के लिए एकमात्र अभयारण्य है। अफ्रीका को छोड़कर, यह दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ शेरों को जंगली रूप में देखा जा सकता है।
विश्व वन्यजीव दिवस के बारे में
- वर्ष 2014 से हर साल, 3 मार्च को दुनिया भर में विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यह दिन दुनिया के जंगली जीवों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया था।
- इस दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1973 में वन्य जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) को अपनाने के उपलक्ष्य में चुना गया था।
- सीआईटीईएस,विश्व में वन्यजीवों में एक टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2025 विश्व वन्यजीव दिवस का विषय
- “वन्यजीव संरक्षण वित्त: लोगों और ग्रह में निवेश” 2025 विश्व वन्यजीव दिवस का विषय है।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक के मुख्य बिन्दु
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार की विभिन्न पहलों की समीक्षा की, जिसमें प्रोजेक्ट एलीफेंट, प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड आदि शामिल हैं।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण के लिए विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा भी की।
शेरों की जनगणना का शुभारंभ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 में गिर राष्ट्रिय उद्यान में आयोजित की जाने वाली शेरों की जनगणना के 16वें चक्र का शुभारंभ किया।
- गिर अभयारण्य में शेरों की जनगणना हर पांच साल में की जाती है और आखिरी जनगणना 2020 में की गई थी।
देश में सबसे ज़्यादा नदी डॉल्फिन उत्तर प्रदेश में
- प्रधानमंत्री मोदी ने देश में पहली बार नदी डॉल्फ़िन जनगणना रिपोर्ट जारी किया।
- यह जनगणना आठ राज्यों की 28 नदियों में की गई।
- कुल डॉल्फ़िन: 6,327
- अग्रणी राज्य: उत्तर प्रदेश में देश में सबसे ज़्यादा नदी डॉल्फ़िन पाई जाती हैं, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान आता है।
- डॉल्फ़िन मुख्य रूप से गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों, घाघरा, कोसी, गंडक, चंबल, रूपनारायण और यमुना की मुख्यधारा में पाई जाती हैं।
जूनागढ़ में वन्यजीवों के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के जूनागढ़ में वन्यजीवों के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी।
- रेफरल केंद्र वन्यजीव स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के समन्वय और प्रशासन का केंद्र होगा।
प्रोजेक्ट घड़ियाल
- उन्होंने घड़ियालों के संरक्षण के लिए देश में प्रोजेक्ट घड़ियाल की घोषणा की।
- भारत में वर्तमान में घड़ियालों की मुख्य आबादी गंगा नदी की दो सहायक नदियों: चंबल और गिरवा नदियों में पाई जाती है।
- भारत में घड़ियाल रिजर्व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में स्थित हैं।
कोयंबटूर स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान में उत्कृष्टता केंद्र
- तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित एसएसीओएन (सलीम अली पक्षी विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केंद्र) में भारतीय वन्यजीव संस्थान परिसर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- यह केंद्र मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रभावी प्रबंधन के लिए काम करेगा।
- केंद्र मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में उन्नत तकनीक के साथ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों का समर्थन करेगा।
- यह केंद्र राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और लोगों को मानव वन्यजीव संघर्षों को रोकने के लिए प्रशिक्षित भी करेगा।
प्रोजेक्ट चीता में गांधी सागर अभ्यारण्य और बन्नी घास के मैदान शामिल होंगे
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में स्थित बन्नी घास के मैदान और मध्य प्रदेश में गांधी सागर अभ्यारण्य को प्रोजेक्ट चीता के तहत शामिल करने की घोषणा की।
- वर्तमान में प्रोजेक्ट चीता, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कुन्हो राष्ट्रीय उद्यान में लागू किया जा रहा है।
- 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था।
- इसके बाद, फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाये गए 12 और चीते को इस उद्यान में छोड़ा गया था।
राष्ट्रीय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण योजना
- प्रधानमंत्री ने देश में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण कार्य योजना की भी घोषणा की।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक अत्यधिक संकटग्रस्त प्रजाति है और इसे भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में शामिल किया गया है।
- सबसे अधिक पक्षी राजस्थान में पाए जाते हैं।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडबल्यूएल) के बारे में
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थापना भारत सरकार द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 5A के तहत 2003 में की गई थी।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने भारतीय वन्यजीव बोर्ड की जगह ली।
यह वन्यजीव संरक्षण से संबंधित मामलों और संरक्षित क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए अनुमोदन जारी करने से संबंधित सरकार के निर्णयों का मार्गदर्शन करता है।
अध्यक्ष: भारत के प्रधान मंत्री
उपाध्यक्ष: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री
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