प्रधानमंत्री मोदी ने 'प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान और रोजगार आधार जनकल्याण'(पीएम-सूरज) राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च किया और वंचित वर्गों के एक लाख पात्र उद्यमियों को ऋण सहायता प्रदान करने को मंजूरी भी दी।
भारत में उद्यमियों के लिए विभिन्न योजनाएँ क्रियाशील हैं:
अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम)
देश भर में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 2016 में नीति आयोग द्वारा शुरू की गई एक नवोन्मेशी पहल है। अटल इनोवेशन मिशन (AlM) का उद्देश्य स्कूल, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थानों, एमएसएमई और उद्योग स्तरों पर देश भर में नवाचार और उद्यमिता का एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना और इसके विकास को बढ़ावा देना है।अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) पांच वर्षों में वित्तीय कंपनियों को लगभग 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान कर चुका है। इस अनुदान का उपयोग स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, परिवहन आदि में उभरते संगठन कर सकते हैं।
गुणक अनुदान योजना (एमजीएस)
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गई गुणक अनुदान योजना (एमजीएस) का उद्देश्य उद्योगों के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन और वितरण में वृद्धि सुनिश्चित हो। इस योजना के तहत सरकार दो साल से कम अवधि के लिए प्रति परियोजना अधिकतम 2 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करती है।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस)
पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विभाग द्वारा शुरू की गई डीईडीएस योजना, दूध उत्पादन, खरीद, संरक्षण, विपणन और इससे संबंधित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से डेयरी उद्योग में स्वरोजगार को बढ़ावा देती है।
स्टार्टअप इंडिया पहल
स्टार्टअप इंडिया पहल, भारत में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने वाला एक सरकारी कार्यक्रम है। इसका प्राथमिक लक्ष्य उद्यमियों को पांच साल या उससे अधिक की अवधि के लिए कर लाभ प्रदान करना है। वर्तमान में, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने 114,458 स्टार्टअप को मान्यता दी है। इस योजना के लिए पात्र स्टार्टअप की आयु 7 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों को उनकी स्थापना तिथि के 10 वर्ष बाद तक मान्यता दी जा सकती है।
स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना
शुरुआती चरण (नवोदित) के स्टार्टअप को सहायता प्रदान करने के लिए, भारत सरकार ने जनवरी 2021 में यह योजना शुरू की। प्रारंभिक चरण के उद्यमी जो आवश्यक मानदंडों को पूरा करते हैं, वे 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे। स्टार्टअप अवधारणाओं या प्रदर्शनों को विकसित करने के लिए 20 लाख रुपये तक और अपने उत्पादों या सेवाओं के विकास या निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। अब तक, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के माध्यम से 1000 से अधिक स्टार्टअप लाभान्वित हुए हैं, और उन्हें कुल 177 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है|